इटारसी। यहां कांग्रेस ने बीच बाजार पुलिस विभाग की रिश्वत रेट टांग दी। एक बड़ा का बैनर पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। देना बैंक के सामने नगर कांग्रेस, महिला कांग्रेस व एनएसयूआई द्वारा लगाए गए रेट लिस्ट के फ्लेक्स को पुलिस ने रात के अंधेरे में उतार लिया। पुलिस थाने में इस फ्लेक्स को लेकर एक एफआईआर भी अज्ञात लोगों के विरुद्घ दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि जिनकी दुकान पर फ्लेक्स लगा था उन्होंने पुलिस थाने आकर एफआईआर दर्ज कराई कि फ्लेक्स लगने से उनकी बदनामी हो रही है और व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
वहीं एफआईआर दर्ज कराने वाले दुकानदार मनीष जोशी का मीडिया को दिए बयान में कहना है कि वह पुलिस थाने नहीं गया था एफआईआर लिखाने, खुद पुलिस का फोन आया था कि वे एनएसयूआई के विरुद्घ एफआईआर दर्ज कराए और पुलिस ने ही फ्लेक्स रात 11.30 बजे करीब उतारा। रात में हुए इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस को सवालों के घेरे में खडा कर दिया है, इससे साफ मैसेज गया कि दाल में कहीं कुछ काला तो है, तभी पुलिस इस तरह फ्लेक्स लगाने के बाद सक्रिय हो गई जबकि फ्लेक्स में कहीं भी पुलिस का कोई जिक्र तक नहीं था।
इस पूरे मामले में एनएसयूआई पदाधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही पुलिस की इस हरकत व पुलिस के खराब बर्ताव व रिश्वतखोरी के विरुद्घ कांग्रेस संगठन के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे और ये आंदोलन इटारसी में न होकर जिला मुख्याल पर ही होगा।
मेरे घर खुद आई थी पुलिस
मेरे पास एसआई ठाकुर का फोन आया था रात 11 बजे। कहने लगे दुकान के पास आओ, आसपास के अन्य दुकानदारों को भी बुलाया था। मैंने कहा कि सुबह आकर मिल लेता हूं, तो कहने लगे हम गाडी भेज देते हैं और घर वापस भी छोड देंगे। तो मैं फिर खुद ही दुकान आ गया। यहां जब मैं पहुंचा तो कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहने लगे, फिर ऊपर चढकर लगा हुआ फ्लेक्स निकाल लिया। कहने लगे सहयोग करो, हम थाने पहुंचे तो रात 1.30 बजे तक थाने में एफआईआर के लिए बिठाया। कह रहे थे कि एनएसयूआई के विरुद्घ रिपोर्ट लिखाओ, मैंने कहा मुझे नहीं पता कि फ्लेक्स किसने लगाया, फिर अज्ञात के विरुद्घ एफआईआर उन्होंने लिखी और हस्ताक्षर करा लिए। मैंने उन्हें बताया कि हम तो किराएदार हैं नपा की दुकानें हैं, हम क्यों रिपोर्ट दर्ज कराएं तो रिपोर्ट में ये लिख दिया गया कि हमारी दुकानदारी इस फ्लेक्स के कारण प्रभावित हुई।
मनीष जोशी, प्रगति इंटर प्राइजेस संचालक