इंदौर। पलसीकर कॉलोनी में रहने वाले कॉलोनाइजर सुनील मंधवानी के खिलाफ जूनी इंदौर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। सुनील ने लिंबोदी गांव में दो पार्टनर के साथ मिलकर एक कॉलोनी काटी थी। उसने फर्जी हस्ताक्षर कर पार्टनर को कंपनी से बाहर किया और फिर प्लॉटधारियों के 30 करोड़ रुपए हड़पकर उसे बाले-बाले बेच दिया। जिन्हें रुपए देने के बाद भी प्लॉट नहीं मिला उन्होंने रविवार दोपहर आरोपी कॉलोनाइजर के घर हंगामा भी किया था।
मंधवानी ने दो पार्टनर की मदद से 2011 में लिंबोदी में महालक्ष्मीधाम के नाम से कॉलोनी काटी थी। इसमें उसने 400 प्लॉट बेचे। इससे उसे करीब 30 करोड़ रुपए प्लॉटधारियों से मिले थे। इसके बाद कॉलोनाइजर ने फर्जी हस्ताक्षर कर दोनों पार्टनरों को कॉलोनी के लिए बनाई गई कंपनी से हटा दिया और भाई अशोक यह जमीन बेच दी। जिन लोगों ने प्लॉट के लिए रुपए दिए थे उन्हें न तो प्लॉट मिला और न ही उनके रुपए वापस किए गए।
बाथरूम में छिपा रहा कॉलोनाइजर
जब करीब 40 लोगों ने कॉलोनाइजर का घर घेरा तो वह बाथरूम में छिप गया। पत्नी को उसने आगे कर दिया। काफी इंतजार के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और लोग वापस आ गए। पुलिस ने बताया कि पूर्व में भी मंधवानी के खिलाफ धोखाधड़ी के दो केस दर्ज हैं।
पार्टनर की शिकायत पर केस
टीआई पवन सिंघल ने बताया कि पार्टनर मुकेश माटा के फर्जी हस्ताक्षर कर उसे कंपनी से बेदखल करने के मामले में मंधवानी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इसके अलावा उस पर एक और धोखाधड़ी का केस दर्ज है। प्लॉट के लिए रुपए देने वाले मुकेश से रुपए मांग रहे हैं, जबकि रुपए मंधवानी ने हड़प लिए हैं।
Suni Mandhwani indore