भोपाल। मप्र कांग्रेस कमेटी में पूरे घर के बदल डालने की तैयारी चल रही है। हालांकि तमाम नाकामियों के लिए जिम्मेदार और पूरी तरह से बिफल हो चुके प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव अपनी कुर्सी पर जमे रहेंगे। अलबत्ता मध्यप्रदेश के आधे जिलाध्यक्ष भी बदल दिए जाएंगे।
सूत्र बता रहे हैं कि अरुण की नई टीम में 75 से ज्यादा पदाधिकारी नहीं होंगे। वहीं, चुनावी नतीजों और निष्क्रियता के आधार पर डेढ़ दर्जन जिलाध्यक्षों को हटाने की तैयारी है। इनमें भोपाल, इंदौर और जबलपुर की इकाइयां भी शामिल हैं।
पदाधिकारियों से चुनाव का फीडबैक लेने के बाद यादव ने बताया कि सालभर चुनावों का क्रम चलने के कारण संगठनात्मक काम ठप थे। कार्यकारिणी का गठन भी रूका था। अब नई टीम बनेगी और सदस्यता अभियान पर फोकस करेंगे।
बदलेंगे निष्क्रिय पदाधिकारी
सूत्रों ने बताया कि जिलों में नए सिरे से संगठन खड़ा करने और निष्क्रिय जिलाध्यक्षों को हटाने का खाका खींच लिया गया है। डेढ़ दर्जन जिलों में बदलाव होगा। कई ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों की भी छुट्टी होगी। जंबो प्रदेश कार्यकारिणी की जगह संतुलित टीम बनाई जाएगी। अभी कार्यकारिणी में पौने दो सौ पदाधिकारी हैं।
सिंधिया और कमलनाथ की करेंगे शिकायत
अरुण यादव ने स्पष्ट किया कि वो मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं की शिकायत हाईकमान से करेंगे। बता दें कि नगरीय निकाय चुनावों में कमलनाथ केवल छिंदवाड़ा तक ही सीमित रहे, सिंधिया चुनाव प्रचार के लिए आए ही नहीं। कांतिलाल भूरिया ने भी रस्म निभाई और दिग्विजय सिंह ने भी जोर नहीं लगाया।
यादव ने कहा कि केन्द्रीय संगठन को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी। बताया जाएगा कि लोग सिर्फ टिकट वितरण के वक्त ही आते हैं फिर कोई नहीं दिखता। भीतरघातियों पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि सभी उम्मीदवारों से लिखित में ऐसे लोगों के नाम मांगे गए हैं। इन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। वैसे भी जिन नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा है वे स्वयं बाहर हो चुके हैं।