नई दिल्ली। फोन चेट या फोन पर अनजान लड़कियों से मस्ती भरी बातें, ऐसे विज्ञापन तो आपने देखे ही होंगे, आए दिन अखबारों में, इंटरनेट पर आते रहते हैं। कुछ फ्रेंडशिप क्लब भी हैं। खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ की एक बालिका आश्रम की लड़कियों को इस तरह के एक फोन फ्रेंडशिप क्लब में अनजान मर्दों से बातें करने के लिए मजबूर किया जाता था। यहां बता दें कि इस आश्रम को अच्छी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का अवार्ड भी मिला हुआ है।
चंद्रशेखर बाल सदन नाम के इस आश्रम के तार जिस्म फरोशी के लिए लड़कियों की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह से भी जुड़ते दिखाई दे रहे है।
मामला रायगढ़ जिले का है। जहां स्थित आश्रम में नाबालिग लड़कियों को फोन पर अंतरंग बातें करने और यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। मामले का खुलासा होने के बाद आश्रम की सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया गया है।
बता दें कि बीते वर्ष भी आश्रम काफी दिनों तक चर्चा में रहा क्योंकि यहां से 9 लड़कियां भाग गईं थीं। चंद्रशेखर बाल सदन नाम के इस आश्रम को राष्ट्रपति अवार्ड भी मिल चुका है।
अनजानों के पास भेजती थी लड़कियां
मामले ने तूल पकड़ा तो रायगढ़ के कलेक्टर मुकेश बंसल ने आश्रम की सुपरिंटेंडेंट प्रिया गुप्ता को सस्पेंड कर दिया। शिकायत के अनुसार, प्रिया ने नाबालिग लड़कियों को अनजान लोगों के फोन पर अंतरंग बातें करने के लिए मजबूर किया। यही नहीं, उसने लड़कियों को उन लोगों के पास भी भेजा। आरोपी सुपरिंटेंडेंट ने लड़कियों को देह व्यापार के लिए मजबूर किया। फोन पर कुछ लोग उससे हॉस्टल आकर लड़कियों से मिलने की बात भी करते पाए गए।
प्रशासन को दी गई शिकायत में 288 कॉल रिकॉर्डिंग दी गई हैं। इन सभी भी की जांच की जा रही है। आरोप है कि वह पैसे लेकर लड़कियों को लोगों के साथ भेजती थी।
पांच महीने से गड़बड़ है आश्रम का माहौल
पुलिस के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम की जांच जारी है और इसकी पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए लड़कियों से भी पूछताछ की जाएगी। बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष जेस्सी फिलिप ने कहा कि बीते पांच महीने से आक्षम का माहौल ठीक नहीं दिख रहा। यहां जरूर कुछ गलत हो रहा है।
मामलों को लेकर बवाल बढऩे पर चार सदस्यीय टीम गठित की गई है जो पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में एफआईआर या किसी की गिरफ्तारी होगी।
दिल्ली में बेची जाती थी लड़कियां!
उधर, झारखंड की राजधानी रांची की पुलिस ने शुक्रवार को एक महिला के खिलाफ मानव तस्करी के आरोपों में एफआईआर दर्ज की है। उस पर आरोप है कि वह छत्तीसगढ़ से दिल्ली के बीच नाबालिग लड़कियों की तस्करी करती थी।
हटिया पुलिस स्टेशन को सूचना मिली थी कि अनीता टिग्गा नाम की महिला दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में कुछ नाबालिगों को लेकर जा रही है। जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर लड़कियों को मुक्त कराया। पुलिस ने एंटी ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। डीएसपी रवींद्र कुमार ने बताया कि उन्हें र्सचना मिली थी सिमडेगा से कुछ नाबालिगों को दिल्ली ले जाकर बेचने की योजना है।
बाबा बामदेव के इशारे पर तस्करी
मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और आखिरकार हटिया रेलवे स्टेशन से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान पुलिस ने 40 वर्षीय आरोपी टिग्गा को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में एक प्लेसमेंट एजेंसी चलाती हैं।
तस्करों के चंगुल से मुक्त कराए गए बच्चों की देखभाल करने वाले दिव्य सेला संस्थान के सदस्य बैद्यनाथ कुमार ने कहा कि आरोपी महिला बाबा बामदेव की सहायक है, जो कि झारखंड में मानव तस्करी का सबसे बड़ा माफिया है। उसे कुछ हफ्ते पहले ही गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान स्टेशन से 9 लोगों को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में उन्होंने 4 लोगों को छोड़ दिया।