भोपाल। 50 साल के बेदाग राजनैतिक जीवन का दावा करने वाले मप्र के राज्यपाल बाबू रामनरेश यादव भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी इस्तीफा देने को तैयार नहीं थे। अंतत: केन्द्र ने राज्यपाल से इस्तीफा मांग लिया। यदि अब भी यादव ने इस्तीफा नहीं दिया तो उन्हें पद से बेरहमी पूर्वक हटा दिया जाएगा। इसी के साथ यादव की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित हो गई है। देखना यह है कि क्या एसटीएफ यादव को राजभवन के दरवाजे पर ही गिरफ्तार कर पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव को पद से इस्तीफा देने को कहा है। मध्य प्रदेश में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा मामले में राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद केंद्र ने उनका इस्तीफा मांगा है। व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने राम नरेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। राज्यपाल पर पैसे लेकर नौकरी की सिफारिश करने का आरोप है।
एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल ने अपने लेटर हेड पर लिखकर नौकरी की सिफारिश की थी। पहले से ही राज्यपाल के इस्तीफ़े की मांग कर रही कांग्रेस को एफआईआर दर्ज होने के बाद एक नया बल मिला है। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा मामले में 100 और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा एसटीएफ की जांच पर निगरानी के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में अति विशिष्ठ व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। अदालत ने 20 फरवरी को यह मामला सामने आने पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति आलोक अराधे की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि एसआईटी अति विशिष्ट व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई को स्वतंत्र है।
जांच एजेंसी के समक्ष राज्यपाल का नाम इस घोटाले में उस समय सामने आया था, जब उनके विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) धनराज यादव को पीएमटी भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया गया। यादव अभी जेल में हैं। एसटीएफ ने बाद में भोपाल की एक अदालत में पेश पूरक चालान में संविदा शाला शिक्षक भर्ती मामले में राज्यपाल के पुत्र शैलेश यादव का नाम उजागर किया था।