नईदिल्ली। 4 रोज पहले आरएसएस द्वारा भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने के बाद मोदी ने धार्मिक मामलों में अपना बयान जारी कर ही दिया। उन्होंने कड़े शब्दों में स्पष्ट किया कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान किया जाएगा और किसी भी धर्म पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और रहेगा।
संघ की तमाम नीतियों और संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ जाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईसाई समुदाय का आतिथ्य स्वीकार किया और कुरियाकोस उर्फ चवारा और मदर यूफ्रेसिया को संत की उपाधि दिए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित कैथोलिक चर्च के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। पढ़िए क्या क्या कहा है मोदी ने:—
- देशभर में धार्मिक आस्था की पूरी आजादी है।
- किसी भी धर्म पर चोट बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- धर्मों का सम्मान करना हमारी पहचान है।
- देश का विकास हमारा मंत्र है।
- उन्मादी तत्वों को बरदाश्त नहीं किया जाएगा।
- मेरी सरकार व्यक्ति की स्वतंत्रता पर बल देती है।
- धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
- सरकार अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले किसी भी धार्मिक समूह को दूसरों के खिलाफ खुलकर या छिपकर घृणा फैलाने की इजाजत नहीं देगी।
- मैं किसी भी धर्म के खिलाफ हिंसा की निंदा करता हूं।
- हम इस तरह की हिंसा के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे।
यह बयान उन्होंने अंग्रेजी में दिया है।