भोपाल। मप्र में स्वाईन फ्लू बेकाबू हो गया है। सरकार ने लोगों को हिदायत दी है कि इससे बचकर रहें, यदि बच्चों को सर्दी खांसी या जुकाम है तो स्कूल ना भेजें, ऐसे लोगों से दूर रहें जिन्हें जुकाम हो। यहां बताना उचित होगा कि राजस्थान सरकार लोगों को एंटी स्वाईन फ्लू काढ़ा पिला रही है ताकि लोगों को वायरस से बचाया जा सके परंतु मप्र में वायरस को रोकने के बजाए मरीजों को रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
स्वाईन फ्लू से बचाव के उपाय के बारे में कहा गया है कि बच्चों को यदि सर्दी, जुकाम, खाँसी है, तो स्कूल न भेजें, किसी से हाथ न मिलायें, गले न मिलें, सार्वजनिक स्थानों पर थूके नहीं, जिन लोगों को श्वसन तंत्र की बीमारी हो, उनके पास न जायें, अपनी आँख, नाक, मुँह को हाथ न लगायें, जिससे वायरस फैलते हैं। खाँसी, छींक आने पर मुँह और नाक को रुमाल से ढँक लें। छींकने-खाँसने और बाहर से आने के बाद हाथ साबुन से धोये। घर के पास स्वच्छता रखें। मरीज को मास्क लगायें और खुद भी उपयोग करें। स्वाईन फ्लू परीक्षण एवं गुणवत्तापूर्ण उपचार के लिये शासकीय अस्पतालों से सम्पर्क करने की अपील की गई है।
ढूंढ लिया धंधा
स्वाईन फ्लू के नाम पर भी मप्र के मेडिकल माफिया ने धंधा ढूंढ लिया है। सरकार से सुविधा के नाम पर टेमीफ्लू टेबलेट्स ले लीं और अब दबाकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। बेड चार्ज, नर्सिंग चार्ज और तमाम तरह के दूसरे चार्ज वसूले जा रहे हैं। स्वाईन फ्लू से मौत का खौफ दिखाकर जुकाम पीड़ितों को भी आईसीयू में भर्ती किया जा रहा है।