भोपाल। कुछ रोज पहले तक शिवराज सिंह चौहान भारत में मोदी के समकक्ष नेता माने जा रहे थे और आज वही शिवराज सिंह चौहान मोदी की अदालत में एक आरोपी की भांति पेश होंगे। उन्हें अपनी सफाई खुद देनी होगी। किसी वकील की मदद नहीं मिलेगी। दुर्भाग्य से आडवाणीजी इस योग्य रहे नहीं। आरोप है कि व्यापमं घोटाले में उन्होंने अपना नाम काटकर उमा भारती का नाम क्यों लिखा।
मध्यप्रदेश में संडे की शुरूआत 2 बड़े सवालों से हो रही है। पहला टॉस कौन जीता और दूसरा शिवराज का क्या हुआ। पहली बार ऐसा हो रहा है कि बड़ी संख्या में लोग शिवराज सरकार को गिरते हुए देखना चाहते हैं या कम से कम शिवराज सिंह चौहान को हटते हुए तो देखना ही चाहते हैं। मोदी ने व्यापमं मामले में शिवराज को तबल किया है, संडे को शिवराज की पेशी है और मध्यप्रदेश में एक बड़ी संख्या उत्सुक है यह जानने के लिए कि दिल्ली में क्या हो रहा है।
बीजेपी हाई कमान ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में में घिरे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली तलब किया है। चौहान से व्यापम घोटाले को लेकर जानकारी मांगी जा सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोलते हुए व्यापमं घोटाले में उनका नाम उछाला था। कांग्रेस का दावा है कि व्यापमं घोटाले में एसटीएफ ने एक्सलशीट में छेड़छाड़ कर मुख्यमंत्री का नाम हटाया है। इतना ही नहीं, इसके स्थान पर उमा भारती व राजभवन का जिक्र किया गया है।
कांग्रेस ने इस एजुकेशन स्कैम में शिवराज सिंह चौहान के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा था कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने तथ्यों को बदल जांच समिति को सौंपा है।
भाजपा ने अपना नाम काटकर उमा भारती का नाम लिखवाने के मामले को गंभीरता से लिया है। खुद उमा भारती ने भी इसे बहुत गंभीरता से लिया और संगठन में उमा भारती के वो तमाम आरोप सही प्रमाणित हो गए जो वो शिवराज के खिलाफ लगाया करतीं थीं। इस खुलासे के बाद उमा भारती का पलड़ा भारी हो गया जबकि शिवराज बहुत कमजोर हुए हैं।
राजनीति के पंडितों का मानना है कि इस पेशी में इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा परंतु ब्रांड शिवराज पूरी तरह से धराशायी हो गया। इस बार शिवराज समर्थकों से ज्यादा शिवराज विरोधी एक्टिव हैं। ये वाले भी और वो वाले भी।