भोपाल। श्योपुर जिले के पीड़ित गुरुजियों ने एक ईमेल के माध्यम से अपना दर्द बयां किया है। वो जानना चाहते हैं कि आखिर उनका संविलियन क्यों रुका हुआ है। इस खत में बयां दर्द से अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला शिक्षा केन्द्र शायद इस मामले में अंडरटेबल लिफाफों के इंतजार में हैं, नहीं तो बेवजह कागजी कार्रवाईयों के नाम पर संविलियन रोकने का प्रश्न ही नहीं उठता। आश्चर्यजनक तो यह है कि कलेक्टर श्योपुर भी इस विषय पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पढ़िए भोपाल समाचार को मिला यह ईमेल:—
माननिय सम्पादक महोदय
सरकार की घोषणा को पूरा एक साल बीत गया है पर श्योपुर जिले में अभी तक गुरुजीयों का संविलियन नहीं हो पाया है। सारी जाँच परख होने के बाद भी जिशिके से अंतिम सूची जारी नहीं हुई। 15-20 सालों से लगातार काम कर रहे गुरुजीयों से उनकी नियुक्ति के समय का जिला पंचायत का अनुमोदन मांगा जा रहा है जो कि उस समय के अधिकारीयों ने नहीं कराया। अब इसमें गुरुजीयों का क्या दोष। दूसरे की गलती की सजा हमें दी जा रही हे ये हमारे साथ कैसा अन्याय है और सरकार की भी छवि खराब हो रही है।
आधी उम्र बीत जाने के बाद उम्मीद की किरण नजर आई थी हमारे बच्चे पूछते हे पापा कब बढेगा आपका वेतन, आप कैसे टीचर हैं, एसे ही अपमानजनक सवाल रिश्तेदार और दोस्त पूछते हैं क्या करें क्या जवाब दें|
अपमानित जीवन जी रहे हे ना मालूम हमारे "अच्छे दिन" कब आयेगें|सम्पादक महोदय आपने हमारी हमेशा मदद की है और थोडी मदद करें। श्योपुर जिले के गुरुजी आपके आभारी रहेंगे।