आगरा। चंबल के बीहड़ का दुर्दान्त डाकू धारा सिंह उर्फ सुरेन्द्र सिंह उर्फ विजय सिंह को एसटीएफ यूपी की फील्ड यूनिट आगरा की टीम ने गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है। इसपर उत्तर प्रदेश सरकार से 50 हजार रुपए, मध्यप्रदेश सरकार से 25 हजार रुपए एवं राजस्थान सरकार से 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था।
ड्राइवर बना हुआ था धारा सिंह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एडीशनल एसपी राजेश कुमार सिंह एवं एसटीएफ फील्ड यूनिट आगरा के एडीशनल एसपी शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि शातिर अपराधी धारा सिंह गुजरात के अहमदाबाद में भेष बदलकर ड्राइवर की नौकरी कर रहा था। वह बर्फ बनाने की फैक्ट्री में टाटा 407 गाड़ी चलाता था।
बड़े कारोबारी के अपहरण की थी प्लानिंग
अहमदाबाद से माल लेकर बांबे जाता था और वहां से माल लेकर अहमदाबाद आता था। धारा सिंह अहमदाबाद के किसी बड़े व्यापारी का अपहरण कर चंबल के बीहड़ में लाकर दो-तीन करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने की फिराक में था। वारदात को अंजाम देने से पहले ही 29 जनवरी को शाम 6:30 बजे वस्त्राल बेरा के पास थाना रामोल अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया।
रातों रात लौटी एसटीएफ
एसटीएफ टीम उसे पकडऩे के बाद रातों रात आगरा आ गई। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में लूट,हत्या और अपहरण के करीब 17 मुकदमे दर्ज हैं। आगरा, मुरैना तथा धौलपुर में यह आतंक का पर्याय बन गया था। तीन राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बने धारा सिंह की गिरफ्तारी को यूपी एसटीएफ बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रही है।
क्लीन शेव मिला धारा सिंह
धारा सिंह को दबोचने के बाद उसकी पहचान करने में एसटीएफ टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल, पुलिस के पास धारा सिंह की तीन साल पुरानी तस्वीर थी, जिसमें वह रौबदार मूंछ रखे हुए था। अहमदाबाद में उसकी मूंछ गायब थी। हालांकि एक घंटे के अंदर ही पुलिस ने तस्दीक कर दी कि यही शख्स धारा सिंह है।
चुनाव लड़ना चाहता था
28 साल के गबरू जवान धारा सिंह की महत्वाकांक्षा बड़ी थी। किडनैपिंग, लूट और हत्या जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देकर वह करोड़ों रुपए हासिल करना चाहता था। उसकी मंशा थी कि इन पैसों से चुनाव लड़कर नेता बन जाए और अपने ऊपर लगे सभी मुकदमों को रफादफा करा दे। गिरफ्तारी के बाद भी उसके चेहरे पर खौफ का नामोनिशान नहीं था। उसने एसटीएफ जवानों को कहा कि यदि उसके पास हथियार होता तो वह उन्हें मारकर फरार हो जाता।
साइकिल चोरी से रखा अपराध की दुनिया में कदम
धारा सिंह उर्फ सुरेन्द्र सिंह उर्फ विजय सिंह पुत्र भोगीराम ग्राम डूडीपुरा थाना इरादत नगर जनपद आगरा का रहनेवाला है। इसके पिता गाजियाबाद में किसी सेठ के यहां काम करते थे। मात्र 14 साल की उम्र में उसने सेठ की ही साइकिल चोरी कर ली। शक के आधार पर पुलिस ने पूछताछ की और उसके पास से साइकिल बरामद हो गई। इस जुर्म में उसे जेल की हवा खानी पड़ी। जेल में इसकी दोस्ती कई शातिर बदमाशों से हो गई। वहां से बाहर निकलते ही इसने हरियाणा के अंबाला में वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
र्शापशूटर था धारा सिंह
अपहरण, लूट और हत्या करना इसके लिए बाएं हाथ का खेल था। निशाना भी अचूक था। कार्बाइन, राइफल जैसे हथियारों को चलाने में माहिर है। बीहड़ में चप्पे-चप्पे से वह वाकिफ है। अबतक जितने भी अपहरण किए गए उन्हें उसने चंबल के बीहड़ों में ही भुनाया। चंबल के बीहड़ों से धारा सिंह को पकडऩा पुलिस के लिए नामुमकिन था।
अब सरपरस्तों की तलाश
एडीशनल एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि धारा सिंह को कई नामी गिरामी शख्स मदद करते थे। वे लोग न केवल धारा सिंह को हथियारों की सप्लाई करते थे बल्कि अपने यहां पनाह भी देते थे। ऐसे लोगों को भी एसटीएफ टीम के निशाने पर हैं और जल्दी ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
मुखबिर को मारना चाहता था
मनोज परिहार पुत्र तिताल निवासी सिदावली थाना सैपऊ जिला धौलपुर राजस्थान ने धारा सिंह उर्फ सुरेन्द्र सिंह की मुखबिरी की। इस सूचना के आधार पर 1 फरवरी 2011 को हरियाणा पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान राजेश बद्री को मार गिराया तथा धारा सिंह को कमर में गोली लगी। वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। चूंकि मनोज परिहार ने मुखबिरी की थी इसलिए धारा सिंह उसे मारने की फिराक में था।
विभिन्न राज्यों में धारा सिंह द्वारा किए गए प्रमुख अपराध:-
आगरा के सैंया थाना क्षेत्र में वर्ष 2010 में बिजेन्द्र प्रधान की हत्या कर दी थी। यह हत्या ग्राम मुरकिया थाना सैंया के प्रधान अशोक द्वारा कराई गई थी, जिसे धारा सिंह, राजेश बदरी तथा सतीश सिकरवार द्वारा सरेआम अंधाधुंध गोलियां चलाकर अंजाम दिया गया। इससे क्षेत्र में लंबे समय तक भय और आतंक व्याप्त रहा था।
थाना शमसाबाद क्षेत्र में बिजेन्द्र गुप्ता की वर्ष 2010 में रंगदारी का पैसा नहीं मिलने पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। व्यवसायी की हत्या के विरोध में लंबे समय तक बाजार बंद रहे।
आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के बर्तन व्यवसायी के दो पुत्रों का अपहरण वर्ष 2010 में सुबह-सुबह उस समय कर लिया गया जब वे दूध लेने जा रहे थे। दो महीने से अधिक समय तक पकड़ को बीहड़ों में रखने के बाद 14 लाख रुपए फिरौती की रकम लेने के बाद छोड़ा गया। इस घटना के विरोध में भी फतेहपुरसीकरी बाजार लंबे समय तक बंद रहे।
जून 2014 को ग्राम गुलावली थाना बसेड़ी जनपद धौलपुर राजस्थान में रंगदारी वसूलने को लेकर धारा सिंह के गैंग ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें एक लड़की मारी गई। इस मामले में हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया और पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर राजस्थान की तरफ से 10 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया।
4 जुलाई 2014 को गिर्राज शर्मा पुत्र दर्शनलाल का अपहरण कर लिया गया था। इस अपहरण में आठ लाख रुपए फिरौती के वसूले गए। इस मामले में अपराध क्रमांक संख्या 76, 2014 धारा 364 भादवि एवं 11, 13 एमपीडीएस एक्ट थाना महुआ जिला मुरैना मप्र में पंजीकृत किया गया। इस प्रकरण में धारा सिंह पर मप्र पुलिस द्वारा 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया।