नईदिल्ली। इधर मोदी सरकार के तमाम अय्यार दिल्ली के चुनावों में वोटों की कटाई में जुटे रहे और उधर पूरा का पूरा भारत स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया। मोदी गली गली घूमकर जिस दिल्ली को विकास का दिलासा दे रहे थे, उसी दिल्ली में अब तक 1000 मामले सामने आ चुके हैं और मरने वालों की संख्या 100
अब पढ़िए देश के विभिन्न इलाकों में क्या हाल हैं:—
- राजस्थान के जोधपुर में करीब दो दर्जन डॉक्टर भी इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।
- तेलंगाना नालगोंडा जिले में एक गर्भवती महिला की जान चली गई है।
- जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में स्वाइन फ्लू के चलते परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई।
- मध्यप्रदेश के भोपाल में स्वाइन फ्लू के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुकेे हैं। 10 से ज्यादा मौतें भी हो चुकीं हैं।
- राजस्थान में छात्रों के पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से इंकार कर दिया। सरकार स्कूलों में जाकर स्वाइन फ्लू से बचाव वाली आयुर्वेदिक दवा पिला रही है।
- यूपी के आगरा में स्वाइन फ्लू के 14 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। यूपी में अलर्ट जारी।
- गूुजरात में 1 जनवरी से स्वाइन फ्लू के पाॅजिटिव मामलों की संख्या 627 के करीब हो गई है।
- राजस्थान के दौसा में 8 नए रोगी और मिले।
- पंजाब में स्वाइन फ्लू से पीड़ित 4 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 11
- लखनऊ में 5 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक 36, 2 की मौत। 10 बच्चे भी प्रभावित।
- कर्नाटक में स्वाइन फ्लू से 6 की मौत, 20 नए मामले पॉजीटिव पाए गए।
- भोपाल के 40 और छात्रों में मिले स्वाइन फ्लू के लक्षण।
- मप्र में अब तक 34 मौतें, 200 से ज्यादा मरीज।
- राजस्थान में स्वाइन फ्लू के अब तक 750 पॉजिटिव मिल चुके है, जिसमें से 90 की मौत हो चुकी है।
बचाव के लिए क्या करें
सरकारें तो अपने ढर्रे पर तमाम दवाएं उपलब्ध होने की बात कर रहीं हैं परंतु वो सब पीड़ितों के लिए है। स्वाइन फ्लू के वायरस से लड़ने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है।
आयुर्वेद में इसका एक उपाय बताया गया है:—
तुलसी और इलायची को पीसकर मिला लें। इस मिश्रण को हमेशा अपने पास रखें और बीच-बीच में सूंघते रहें। इससे स्वाइन फ्लू से बच सकते हैं।