फोर्ब्स इंडिया में मप्र की ईशा भी

Bhopal Samachar
नीमच। फोर्ब्स इंडिया मैगजीन के ताजा अंक में कवर स्टोरी '30 अंडर 30" में देश के 30 ऐसे युवाओं को चुना गया है, जो अपने-अपने क्षेत्र में कुछ अलग कार्य कर देश बदलने का जज्बा रखते हैं और सभी की आयु 30 वर्ष से कम है। इनमें मध्यप्रदेश के नीमच की ईशा पिता महेश खंडेलवाल को भी स्थान मिला है।

ईशा पेशे से वकील हैं और छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के अधिकारों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। मैगजीन का मानना है कि ऐसे युवाओं के दम पर देश में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकते हैं।

इस बार अलग क्यों
मैगजीन अब तक अपने अंकों में जिन लोगों के नाम प्रकाशित करती रही है, वे उद्यमी रहे हैं। इस बार के अंक में ऐसे लोगों को स्थान दिया गया है, जो अपने काम से समाज को बदलने के साथ देश में बदलाव लाने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहे हैं।

क्या कर रही हैं ईशा
ईशा (25) ने साथियों गुनीत कौर (24) और पारिजात भारद्वाज (26) के साथ मिलकर जगदलपुर लीगल एड ग्रुप बनाया है। यह समूह अन्याय का शिकार होकर उम्मीदें खो चुके आदिवासियों के लिए संघर्ष कर रहा है और अदालतों में उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध करा रहा है।

इन्हें कैसे चुना
फोर्ब्स इंडिया ने विभिन्ना श्रेणियों के लिए चुने गए लोगों का इंटरव्यू लिया। इनके डाटा बेस का अध्ययन किया और इनका मीडिया कवरेज देखा। मैगजीन ने उन लोगों से आवेदन मांगे थे, जो इसके लिए खुद को योग्य मानते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर इनके बारे में राय मांगी गई। इसके बाद 13 श्रेणियों के लिए 300 नाम आए। पर्यवेक्षकों और विशेषज्ञों द्वारा इनमें से 80 नाम चुने गए। इसके बाद एक-एक नाम पर विचार-विमर्श कर इनमें टॉप-30 नाम चुने गए।

इन श्रेणियों में चुने गए युवा
कला संस्कृति, डिजाइन, ई-कॉमर्स, मनोरंजन, फैशन, फूड एंड हॉस्पिटेलिटी, हेल्थकेयर, कानून-नीति और राजनीति, एनजीओ-सामाजिक उद्यम, विज्ञान, सोशल मीडिया, मोबाइल तकनीक और संचार, खेल और टेक्नोलॉजी। ईशा को कानून-नीति और राजनीति श्रेणी के तहत चुना गया।

फोर्ब्स इंडिया मैगजीन
यह विश्व प्रसिद्ध फोर्ब्स मैगजीन का भारतीय संस्करण है। यह राघव बहल के नेतृत्व वाले मीडिया समूह नेटवर्क 18 द्वारा प्रकाशित की जाती है।

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