नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने गृह राज्य गुजरात के राजकोट शहर में उनका मंदिर बनाए जाने पर खेद जताया। मोदी के सोशल नेटवर्किंग साइट पर नाराजगी जताते ही उनके प्रशंसकों ने मंदिर के उद्घाटन का इरादा छोड़ दिया। साथ ही देर शाम नवनिर्मित मंदिर का ढांचा ही ढहा दिया गया। हालांकि इससे पहले मोदी के समर्थकों ने प्रधानमंत्री की प्रतिमा हटाकर वहां भारत माता की मूर्ति स्थापित करने की बात कही थी।
अपना मंदिर बनाए जाने की खबरों से आहत मोदी ने कई ट्वीट करके अपनी स्तब्धता जाहिर करते हुए कहा कि यह भारत की महान परंपराओं के विरुद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की कि वह अपने समय और संसाधन का सदुपयोग उनके स्वच्छ भारत के सपने को पूरा कर करें। हमारी संस्कृति हमें ऐसे मंदिर बनाने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से बहुत खिन्न और दुखी हैं। जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं वह न करें।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी का एक मंदिर राजकोट जिले के कोठारिया रोड पर बनकर तैयार था। कोठारिया ग्राम पंचायत ने दस साल पहले 350 वर्ग गज की जमीन यहां पर भारत माता का मंदिर बनाने के लिए ही दी थी। लेकिन इस ग्रुप ने बाद में यहां नरेंद्र मोदी का मंदिर बना लिया। 15 फरवरी को इसका उद्घाटन होना था। लेकिन मोदी की नाराजगी के बाद ओम युवा ग्रुप के सदस्यों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस नवनिर्मित ढांचे को गिरा दिया।
हालांकि इससे पहले, मंदिर बनाने वाले 'ओम युवा ग्रुप' के सदस्यों ने मोदी के संदेश को गंभीरता से लेते हुए उद्घाटन तुरंत ही स्थगित करके कहा था कि वह अब इस मंदिर में भारत माता की प्रतिमा स्थापित करेंगे।
ग्रुप के नेता रमेश उन्धाद का कहना था कि उन्होंने अपने देवता (मोदी) की भावनाओं को आहत किया है। इस बात का उन्हें दुख है। इसलिए उनकी प्रतिमा को कपड़े से ढंक दिया है। ग्रुप के एक अन्य सदस्य जयेश पटेल ने कहा था कि मंदिर जल्द ही भारत माता को समर्पित किया जाएगा। मंदिर में उनकी सात लाख रुपये की एक प्रतिमा स्थापित होगी। लेकिन कुछ ही घंटों बाद ढांचा गिरा दिया गया।