राकेश दुबे@प्रतिदिन। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद। केजरीवाल ने कहा, 'हम जितना जल्द संभव होगा, जनलोकपाल विधेयक लाएंगे और पांच साल के अंदर दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे।' उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए बीजेपी और कांग्रेस के अच्छे लोगों से सहयोग लेने की बात भी कही। साथ ही उन्होंने अहंकार त्यागने कि बात भी कही|
उनकी सरकार ने पिछली बार 49 दिन में ही त्यागपत्र दे दिया था और कहा था कि बिना बहुमत के सरकार चला पाना संभव नहीं है| इस बार जनता ने केजरीवाल की उम्मीद से भी ज्यादा समर्थन देकर उन्हें 70 में से 67 सीटें दे दी हैं. कहने का तात्पर्य यह कि अब केजरीवाल को अपने वादे पूरे करने के लिए किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी|
उनकी सरकार ने पिछली बार 49 दिन में ही त्यागपत्र दे दिया था और कहा था कि बिना बहुमत के सरकार चला पाना संभव नहीं है| इस बार जनता ने केजरीवाल की उम्मीद से भी ज्यादा समर्थन देकर उन्हें 70 में से 67 सीटें दे दी हैं. कहने का तात्पर्य यह कि अब केजरीवाल को अपने वादे पूरे करने के लिए किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी|
अब जिम्मेदारी बढ़ गयी है| उन्होंने अपने साथियों को भी सीख दी कि किसी तरह का अहंकार मत पालना, वरना वही हश्र होगा, जो दिल्ली में जनता ने भाजपा और कांग्रेस का किया| केजरीवाल कारण-अकारण हमेशा सोशल मीडिया में छाये रहते हैं| कभी अपनी भाषणबाजी को लेकर तो कभी अपने मफलर स्टाइल को लेकर|
वर्तमान केंद्र सरकार का भी हमेशा यही गाना रहा है कि हमे पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो राममन्दिर नहीं बना, धारा 370 के लये हम कुछ नहीं कर पाए| अब दोनों को वादा निभाने कि पूरी ताकत और मोहलत मिली है कौन कितना निभा पायेगा यह मतदाता देखेंगे| दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा केंद और केजरीवाल दोनों का मुद्दा रहा है सबसे पहले यह तय हो जाना चाहिए| वादे निभाने और मुकरने वालों अर्थात कांग्रेस कि दशा सबने देखी है ,इससे सबक लेना जरूरी है|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
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