नागपुर। शासकीय सेवा में कार्यरत एकमात्र पुत्र अथवा पुत्री की मृत्यु होने के बाद अब माता पिता को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेकर ऐसे अनगिनत परिवारों को राहत प्रदान की है। जनवरी 2015 से यह निर्णय लागू होगा।
देश की अन्य सरकारों को भी महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को संज्ञान में लेना चाहिए। हालांकि यह लाभ उसी स्थिति में मिलेगा, जब पुत्र अविवाहित हो या उसकी पत्नी या अन्य संतान दुनिया में न हों। इससे पहले शासकीय कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसकी पत्नी या फिर अविवाहित पुत्री को सेवानिवृत्ति वेतन देने का प्रावधान था। अगर दोनों नहीं हैं, तो फिर अन्य को सेवानिवृत्ति वेतन का लाभ नहीं मिलता था। जिससे एकमात्र पुत्र पर निर्भर माता-पिता के सामने आर्थिक संकटों का पहाड़ टूट पड़ता था।
राज्य सरकार के उपसचिव ना.भा. रिंगणे ने 22 जनवरी को इस संबंध में एक आदेश जारी कर, नये निर्णय की जानकारी दी है। महाराष्ट्र नागरी सेवा (निवृत्ति वेतन) नियम, 1982 में संशोधन की जानकारी देते हुए उपसचिव ने बताया कि एकमात्र शासकीय कर्मचारी यानी अपने माता-पिता का एकमात्र पुत्र, अविवाहित अथवा विवाहित होने पर उसकी पत्नी व बच्चे हयात में न होने वाला शासकीय कर्मचारी, पालक पूरी तरह शासकीय कर्मचारी पर निर्भर हो, शासकीय कर्मचारी ने अपने नॉमिनी के लिए अपने माता-पिता का नाम दिया हो, किन्तु शासकीय कर्मचारी अपने घोषणापत्र में कोई चूक करता है या विभागीय जांच लंबित होने अथवा अनधिकृत छुट्टी पर मृत्यु होने पर उसके पालकों को सेवानिवृत्ति वेतन का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में शासकीय कर्मचारी को अपने घोषणापत्र में संपूर्ण स्थिति स्पष्ट करनी होगी।