सतना। नारी सशक्तिकरण और बेटी बचाओ अभियान के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। सतना में रेप को सेफ करने का कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। एक अंधी दीनहीन गरीब दुखियारी नाबालिग इस समय सतना जिला अस्पताल मे भर्ती है जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही है, इसे गंभीर हालत में चाइल्ड लाइन संस्था द्वारा सतना नारी निकेतन से लाया गया है। युवती गर्भवती है जिसका खुलासा जाँच रिपोर्ट आने के बाद साफ हुआ है।
नारी निकेतन से लायी गयी नाबालिग के गर्भवती होने की खबर से पूरा सतना स्तब्ध है, नाबालिग अर्ध अचेत अवस्था में है वह कुछ बोल नहीं पा रही है, इस सनसनी खेज और संवेदनशील मामले को जिला प्रशासन जिले की बदनामी होने के डर चुप्पी साधे है, नारी निकेतन प्रबंधन भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है और दूसरों पर आरोप लगा रहा है।
युवती सतना के जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती है। घटना के बाद से वह इतना डरी सहमी है कि कुछ बोल नहीं पा रही है। शिकायतकर्ताओं की माने तो इस शर्मनाक घटना को सतना के नारी निकेतन मे अंजाम दिया गया है, चाइल्ड लाइन संस्था की माने तो भिक्षावृत्ती कर रही इस नाबालिग को मैहर से लाया गया था और कलेक्टर के हस्ताक्षेप से 17 जनवरी 2015 को सतना नारी निकेतन मे रखा गया था, 20 जनवरी को नारी निकेतन वालों ने अंधी नाबालिग निकाल दिया फिर कलेक्टर के हस्ताक्षेप से उसे नारी निकेतन में भर्ती कराया।
लेकिन 3 फरवरी को की रात को नारी निकेतन से चाइल्ड लाइन को फोन पर नाबालिग की तबीयत खराब होने की सूचना दी गयी जिसपर चाइल्ड लाइन ने नाबालिग को रात में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, नाबालिग के पेट दर्द शिकायत पर इलाज किया जा रहा था, जब दर्द ठीक नहीं हुआ तो डाक्टरों ने नाबालिग का गायनी चेकअप कराया जिसमे उसे गर्भवती पाया गया, जाँच रिपोर्ट से गर्भवती होने की सूचना से पूरे सरकारी मोहकमे को जैसे साँप सूँघ गया फौरन कार्यवाही करने की बजाय मामले को दबाने मे जुट गये, गर्भवती होने की सूचना पर चाइल्ड लाइन चुप नहीं बैठा।
एक गरीब नाबालिग अंधी के साथ गैर इंसानी घिधौनी वारदात को अंजाम देने की इस शर्मनाक घटना पर नारी निकेतन की भूमिका शक के दायरे मे है क्योंकि नारी निकेतन भेजते समय मेडिकल चेकअप हुआ था जिसमे व गर्भवती नहीं थी लेकिन नारी निकेतन में सोलह दिन रहने के बाद ऐसा क्या हुआ कि वह गर्भवती हो गयी, दूसरा शक कि ऐसा क्या था कि नारी निकेतन वाले इस नाबालिग को प्रताडि़त करते थे और बार बार निकाल देते थे और अंतत: वह नारी निकेतन मे ही बीमार हुयी, बहरहाल इस शर्मनाक घटना के बाद दोषियों को गिरफ्तार करने और सजा दिलाने के लिये शासन प्रशासन कब जागेगा या फिर सरकार की तमाम योजनाएं नारे बुलंद करने वाली कागजी घोड़े साबित होंगे जो प्रशासन के कर कमलो के आगे घुटने टेक देते है!