भोपाल। इंजीनियरिंग स्टूडेंट चंदन झा की एक गलती से वो मौत के मुंह में चला गया था परंतु उसी के हौंसले और सूझबूझ से उसकी जान बच गई। पैर फिसलने के कारण वो ट्रेन के चपेट में आ गया और उसके दौरे पैर कट गए। बावजूद इसके उसने खुद पुलिस को फोन लगाया और मदद के लिए बुलाया।
सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात एक से डेढ़ बजे के बीच हबीबगंज स्टेशन के नजदीक केरला एक्सप्रेस की रफ्तार धीमी होने पर वह ट्रेन से उतरने की कोशिश कर रहे थे, तभी पैर फिसल गया। पलक झपकते ही दोनों पैर ट्रेन के पहियों से रगड़ गए।
ट्रेन के पहियों से घिसने से उनके घुटने के नीचे की हड्डियां बाहर निकल आई थीं। खून तेजी से बह रहा था और चारों ओर अंधेरा था। मदद करने वाला कोई नहीं। पैरों से बहते खून को रोकने के लिए खुद की शर्ट उतारी और दोनों पैरों को एक साथ बांध लिया। साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर हादसे की सूचना दी।
करीब 20 मिनट बाद हबीबगंज पुलिस पहुंची अौर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। समस्तीपुर, बिहार निवासी चंदन झा टीआईटी कॉलेज में बीई फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र हैं। वे आनंद नगर में किराए से रहते हैं। चंदन दिल्ली से लौटते समय त्रिवेंद्रम जा रही केरला एक्सप्रेस से गिर गए थे।
उनके बड़े भाई सुनील झा ने बताया कि वह रविवार को प्रतियोगी परीक्षा देने दिल्ली गया था। हादसे के बाद चंदन ने रात 1.30 बजे खुद फोन कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। संक्रमण बढ़ने पर मंगलवार सुबह अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके दोनों पैरों को काट दिया।
डाक्टरों के अनुसार चंदन के पैरों की रक्तवाहिकाएं फट गई थी। इस कारण इमरजेंसी सर्जरी के बाद भी उनके पैरों में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य नहीं किया जा सका था। हॉस्पिटल डॉयरेक्टर डॉ. पीके पांडे ने बताया कि चंदन को पैरों के अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोटें आई हैं, जो सामान्य हैं।
ऑपरेशन के लिए कर्मचारियों ने डोनट किया ब्लड
डॉ. पांडे ने बताया कि चंदन के दोनों पैरों की सर्जरी में पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को 3 घंटे का समय लगा। छात्र को सर्जरी के दौरान 10 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। इसके लिए अस्पताल के कर्मचारियों ने ब्लड डोनेशन करके, दूसरी ब्लड बैंकों से ब्लड एक्सचेंज किया।