पढ़िए 'धार्मिक कट्टरवाद' पर अमेरिका को भारत का जवाब

shailendra gupta
नई दिल्ली। भारत में धार्मिक सहिष्णुता को लेकर पिछले दिनों आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान का जवाब देते हुए मोदी सरकार ने कहा कि यह धारणा गलत है कि भारतीय अल्पसंख्यक देश में खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं।


सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अल्पसंख्यक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक रूप से मुख्यधारा में शामिल रहें। सरकार ने जम्मू और कश्मीर में हाल के विधानसभा चुनाव में 65 पर्सेंट मतदान का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिमों में अलग-थलग की कोई भावना नहीं है।

भारत की जॉइंट इंटेलिजेंस कमिटी के चेयरमैन एन रवि ने अमेरिका में कट्टरवाद पर एक सेमिनार में कहा, 'भारतीय संदर्भ में अल्पसंख्यकों और उनके अलग-थलग रहने की सामान्य धारणा ठीक नहीं है। भारत की जनसंख्या में अल्पसंख्यकों की 21 पर्सेंट से ज्यादा हिस्सेदारी है। भारत में 18 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम हैं।' उन्होंने देश में पिछले 60 वर्षों में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या बढ़ने के आंकड़ों का भी जिक्र किया और कहा, 'जनसंख्या में हिस्सेदारी के लिहाज से वे दोगुने बढ़े हैं। यह इस बात का एक स्पष्ट संकेत है कि वे भारत में कितने सहज हैं और बाकी लोगों के साथ खुशी से रह रहे हैं।'

इस समिट को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी संबोधित किया। ओबामा ने हाल में भारत में धार्मिक कट्टरवाद को लेकर चिंता जताई थी। रवि ने कहा कि भारत में सभी समुदायों को एक साथ रखने की कहानी कई तरीकों से अनूठी है। उन्होंने कहा, 'भारत में 18 करोड़ मुस्लिम होने के बावजूद किसी भी हिंसक इस्लामिक संगठन में भारतीय मुस्लिमों के शामिल होने के न के बराबर मामले हैं। भारत के मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू और कश्मीर में हाल के चुनाव में 65 पर्सेंट से ज्यादा मतदान हुआ, जो भारत की सफलता की कहानी का प्रमाण है। भारत की प्रमुख ताकत उदार, मिश्रित और धर्मंनिरपेक्ष लोकतंत्र है। यह समुदायों के मुख्यधारा के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक इंटीग्रेशन को सुनिश्चित करता है।'

रवि ने कहा केंद्र सरकार और राज्य सरकारें समुदायों के बीच संबंध मजबूत करने के लिए सक्रियता से कदम उठाती हैं। मीडिया किसी समुदाय के साथ कुछ गलत होने की खबर को उठाने का कोई मौका नहीं चूकता। उन्होंने 'छोटे समुदायों' के लड़के और लड़कियों को भारत में दी जा रही चार लाख स्कॉलरशिप्स का जिक्र करते हुए कहा कि देश के एजुकेशन बजट का लगभग आधा हिस्सा इन समुदायों के सशक्तीकरण को समर्पित होता है क्योंकि इनके सशक्तीकरण के लिए एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण है।

कट्टरता और आतंकवाद के मुद्दे पर रवि ने कहा कि भारत जिस आतंकवाद का सामना कर रहा है उसका स्रोत देश से बाहर है और भारत इसका पूरी ताकत के साथ मुकाबला कर रहा है।

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