वित्तमंत्री की बैंक कर्मचारियों से अपील

shailendra gupta
नई दिल्ली। वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के यूनियनों की 25 से 28 फरवरी तक चार दिन की प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल से अगले सप्ताह बैंकों में दो दिन ही कारोबार होगा। इस बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज बैंक यूनियनों से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि उनकी वेतन बढ़ोतरी की मांग पर बातचीत चल रही है। वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर पहले ही बैंकों और कर्मचारी यूनियनों व संगठनों के बीच बातचीत चल रही है। 

ऐसे में द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही कोई ठोस समाधान ढूंढा जा सकता है। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के संयोजक एम.वी. मुरली ने कहा कि नवंबर, 2012 से बैंक वेतनमान में 15 प्रतिशत की वृद्धि दे रहे हैं। इसके मद्देनजर बैंक अपने लेखा में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि शामिल कर चुके हैं, लेकिन कर्मचारियों को मात्र 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी देने को तैयार हुए हैं जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना की सफलता में जी-जान से लगने वाले कर्मचारियों की जायज मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं। 

प्रधानमंत्री भी जनधन योजना में बैंककर्मियों की भूमिका की सराहना कर चुके हैं। हालांकि इस बीच मुख्य श्रम आयुक्त की सलाह पर भारतीय बैंकसंघ (आईबीए) 23 फरवरी को बैंक श्रमिक यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ वेतनमान पर वार्ता करने पर सहमत हो गया है। वित्तमंत्री ने सार्वजनिक बैंकों के सभी कर्मचारियों और उनकी यूनियनों व एसोसिएशनों से देश में वित्तीय गतिविधियां प्रभावित होने का हवाला देते हुए प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील की और कहा कि बैंक हड़ताल में शामिल होकर आंदोलन का रास्ता नहीं अपनाएं। हड़ताल में शमिल होना न तो आवश्यक है और न ही देश के हित में है। 

बैंक आॅफ बड़ौदा और कार्पोरेशन बैंक सहित कई बैंक इस हड़ताल से होने वाली असुविधा से ग्राहकों को अवगत करा रहे हैं। कार्पोरेशन बैंक बीएसई को भी सूचित कर चुका है कि बैंक कर्मचारियों के नौ यूनियनों के संगठन यूएफबीयू ने 25 से 28 फरवरी तक चार दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहने का नोटिस दिया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मी संघ के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा कि यदि कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी जाएंगी तो 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी। अभी तक हड़ताल पर जाने का निर्णय कायम है।इस महीने के प्रारंभ में आईबीए वेतनमान में 12.5 प्रतिशत वृद्धि को बढ़ाकर 13 प्रतिशत करने पर सहमत हुआ था, लेकिन कर्मचारी प्रतिनिधि 19 प्रतिशत पर अड़े रहे जिसकी वजह से सहमति नहीं बन पाई थी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!