प्रभात झा: शिवराज को दिल्ली से दूर रखा, अब पार्टी पर ठीकरा

Bhopal Samachar
उपदेश अवस्थी/भोपाल। क्रेडिट की राजनीति के चलते शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली चुनाव से दूर रखने वाले प्रभात झा हार के लिए पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी प्रभात झा का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट ने पार्टी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर मोदी की लहर दिल्ली में आकर क्यों रुकी? दिल्ली की चुनावी जंग झा के लिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी ने दिल्ली का प्रभार दिया था।


प्रभात झा का मानना है कि देश में मोदी का जादू बरकरार है परंतु दिल्ली में पता नहीं यह क्यों गायब हो गया। वो अभी भी यह मानने को तैयार नहीं कि किरण बेदी को सीएम पेश करना भाजपा की एक बड़ी भूल थी। अमित शाह के बचाव में भी वो सीधे आ खड़े हुए हैं।

यहां बता दें कि प्रभात झा दिल्ली के प्रभारी हैं और दिल्ली चुनाव के दौरान उन्होंने योजना तैयार कर ली थी कि इस बार दिल्ली की जीत का सेहरा प्रभात झा के सर ही बंधेगा। मप्र में जिस तरह शिवराज और हरियाणा चुनावों में कैलाश विजयर्गीय को जीत का क्रेडिट मिला, ठीक उसी प्रकार वो दिल्ली का क्रेडिट वसूलना चाहते थे। चुनाव से पहले प्रभात झा का मानना था कि जीत तो सुनिश्चित है बस लीड बढ़ानी है।

वो दिल्ली की जीत का क्रेडिट शिवराज से शेयर करने को तैयार नहीं थे। उल्टे वो इस माध्यम से शिवराज के एक पुराने हमले का बदला लेना चाहते थे। उनका योजना थी कि वो दिल्ली में जीत के बाद शिवराज को तिलमिलाता हुआ देखें और साबित करें कि चुनाव नेताओं से नहीं, योजनाओं से जीते जाते हैं। 

यह क्रेडिट की राजनीति ही थी कि प्रभात झा ने शिवराज सिंह चौहान को लगातार दिल्ली से दूर बनाए रखा। शिवराज भाजपा के सफल स्टार प्रचारक हैं, दिल्ली में शिवराज सिंह और रमन सिंह के माध्यम से विकास का मॉडल पेश किया जा सकता था परंतु प्रभात झा ने जान बूझकर इसे दरकिनार किया और इसी के साथ दरकिनार कर दिया गया विकास के मुद्दे पर वोट मांगने की रणनीति को भी, जो हार का सबसे बड़ा कारण बनी। 

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