भोपाल। मप्र के राज्यपाल महामहिम रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव पर संविदा शिक्षक भर्ती कांड में शामिल होने का आरोप लगा है। आरोप है कि शैलेष यादव भी इसी गिरोह का हिस्सा था जिसने मप्र में व्यापमं घोटाले को अंजाम दिया। इस खुलासे के बाद राजभवन चुप्पी में आ गया है।
यह खुलासा एसटीएफ द्वारा सोमवार को सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की अदालत में पेश किए गए पूरक चालान में हुआ है। चालान पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके तत्कालीन ओएसडी ओपी शुक्ला, बिचौलिए अरुण यादव व वीरपाल सिंह यादव के खिलाफ पेश किया है। इस दौरान ओपी शुक्ला अदालत में मौजूद थे।
उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले के प्रहलादपुर गांव के रहने वाले वीरपाल सिंह यादव को एसटीएफ ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में अवैध तरीके से अपनी बहन सुषमा सिंह सहित 10 उम्मीदवारों को पास कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राजनीतक फायदे के लिए पद का दुरपयोग किया
चालान में लक्ष्मीकांत शर्मा के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में राजनैतिक प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए पद का दुरुपयोग किया। संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 की परीक्षा में कई परीक्षार्थियों को फर्जी तरीके से पास कराया। और पैसे भी लिए।
शैलेष यादव : नाम, रोल नंबर और रकम अफसरों तक पहुंचाई
आरोप : वीरपाल सिंह ने अपने मित्र विजयपाल सिंह यादव की मदद से राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव से बात की। शैलेष के माध्यम से सभी 10 उम्मीदवारों के नाम, रोल नंबर और तीन लाख रुपए व्यापमं के अधिकारियों और कर्मचारियों को भिजवाए। सभी उम्मीदवारों के नंबर अनुचित तरीके से बढ़वाए।
सबूत : अरुण यादव, वीरपाल सिंह यादव और विजयपाल सिंह यादव ने एसटीएफ को दिए बयान में शैलेष के माध्यम से 10 उम्मीदवारों के नाम व्यापमं को भेजे जाने की बात कही है।
लक्ष्मीकांत शर्मा : कई परीक्षार्थियों को नंबर बढ़वाकर पास कराया
आरोप : कई परीक्षार्थियों के नाम, रोल नंबर ओएसडी ओपी शुक्ला के माध्यम से व्यापमं के अधिकारियों तक पहुंचाए। व्यापमं के अफसरों ने फर्जी तरीके से अंक बढ़ाकर उन्हें परीक्षा में पास कर दिया।
सबूत : डीएफएस गांधीनगर ने नितिन महिंद्रा से जब्त हार्ड डिस्क के रिट्रीव डाटा की एक्सल शीट में परीक्षार्थियों के नाम व रोल नंबर लक्ष्मीकांत शर्मा के नाम के साथ लिखे हुए है। पंकज त्रिवेदी ने भी खुलासा किया है कि ये नंबर लक्ष्मीकांत शर्मा के कार्यालय से मिले थे।