भोपाल। राजधानी में एक थाना है पिपलानी। यहां पदस्थ हैं टीआई चौधरी मदन मोहन 'समर' पेशे से पुलिस अफसर, दिल से कवि। वर्दी वाले विभाग में हैं सो शौर्य की कविताएं लिखते हैं। कल कविताएं लिखते लिखते उन्होंने इस्तीफा लिख डाला। जब डीजीपी ने बुलाया तब समझ में आया। फिर क्या था लौट आए अपने थाने, नौकरी बजाने।
दसवी कक्षा से कविताएं लिख रहे चौधरी मदन मोहन 'समर' वर्तमान में पिपलानी थाना इंचार्ज हैं। उन्होंने बताया कि वह 28 साल से पुलिस की नौकरी में हैं। इस फील्ड में वह अपनी इच्छा से ही आए हैं और उन्हें अपनी नौकरी पर गर्व भी है। लेकिन लगातार एक ही काम करते रहने के कारण वह कई दिनों से इस पेशे से अवकाश लेने का विचार कर रहे थे। पुलिस की नौकरी में तनाव के सवाल पर चौधरी ने कहा कि तनाव पालने वाले लोग तनाव पालते हैं, जबकि काम करने वाले सिर्फ काम करते हैं।
उनका कहना है कि पुलिस ही एक मात्र ऐसा विभाग है, जो ग्रास रूट तक के आदमी की मदद करता है। शौर्य पर केंद्रित कविता लिखने वाले 'समर' ने बताया कि वह अब तक एक हजार से अधिक कविताएं लिख चुके हैं और कई बार मंच से कविता पाठ भी कर चुके हैं। शाजापुर, खंडवा, धार, बैतूल, हरदा, सागर आदि जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके चौधरी बताते हैं कि उनके नाम के आगे 'समर' बचपन से ही जुड़ा हुआ है। डीजीपी से मिलने के बाद उन्होंने वापस थाने में अपनी आमद दर्ज करा दी है। जल्द ही उनका प्रमोशन भी होने वाला हैं। उनका किसी से भी व्यक्तिगत मनमुटाव नहीं है।