जबलपुर। नगर निगम कर्मी सत्येन्द्र ठाकुर की हत्या के मामले में फिलहाल इतना ही साफ हो पाया है कि हत्या किसी सुपारी किलर ने की थी और वह काफी समय से कर्मचारी नेता की रैकी कर रहा था और एम्बुश लगाकर शूट किया गया।
घटना के बाद जब पुलिस पहुंची तो वेल्डिंग दुकान में दो प्रत्यक्षदर्शी मिले। उन्होंने बताया कि वह दुकान में काम कर रहे थे तभी सत्येन्द्र ठाकुर आए। वह रोज उनकी दुकान आते थे। इस वजह से उनसे अच्छा परिचय था। इसी बीच एक युवक उनके पास आया। उसके मुंह में रुमाल बंधा था। अचानक उसने पिस्टल निकालकर गोली चलाई और भाग निकला। सत्येन्द्र ने उसे पकड़ने को बोला। वह दोनों उसके पीछे भागे, तो आरोपी एक बाइक में अपने दो अन्य साथियों के साथ बैठकर भाग निकला।
शूटर्स को दी जा रहीं हैं सुपारियां
शहर में हत्या जैसी वारदातों में प्रोफेशनल तरीका अपनाया जा रहा है। जिसमें फिल्मों की तर्ज पर भाड़े के बदमाश सरेराह लोगों को गोली मार रहे हैं।
दो साल पूर्व गोरखपुर व्यापारी संघ अध्यक्ष बिट्टू मिनोचा, हवलदार राजकुमार तिवारी, एडवोकेट मनोज यादव की हत्या पेशेवर अंदाज में सिर में गोलियां मारकर की गईं थीं।
करीब तीन माह पूर्व कपड़ा व्यापारी को बदमाश अमित भोजक ने अपने साथियों के साथ सुपारी लेकर गोली मारी थी।
दो माह पूर्व एक व्यापारी पर मोनू सबलोक नाम के बदमाश ने दुकान में घुसकर फायरिंग कर दी थी। हालांकि इस घटना में व्यापारी बाल-बाल बच गया था।
हाल ही में चारखंबा इलाके में गोलू उर्फ शफीक की उसके दुश्मनों ने घर में घुसकर सिर में चार गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।
करीब पंद्रह दिन पूर्व दीक्षितपुरा इलाके में गैंगवार के चलते नीरज ठाकुर ने बिरजू माहेश्वरी पर सरेआम फायरिंग की थी, जिसमें एक मजदूर महिला घायल हो गई थी।
दो दिन पूर्व उपरैनगंज इलाके में विशाल साहू नाम के युवक को उसके घर के बाहर अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी।