करोड़ों की प्रॉपर्टी कर्मचारियों के नाम, वैराग्य की राह पर राठौड़ परिवार

Bhopal Samachar
राहुल संपाल/इंदौर। चार सदस्यों वाला राठौड़ परिवार सांसारिक वैभव का त्याग करने जा रहा है। पूरा परिवार 16 अप्रैल को मुलुंड (मुंबई) के सर्वोदय नगर में वैराग्य धारण करेगा। खास बात यह भी है कि वे अपनी करोड़ों की संपत्ति अपने कर्मचारियों के नाम करने जा रहे हैं। मुंबई में रहने वाले कंप्यूटर हार्डवेयर कारोबारी राठौड़ परिवार में पिता भूपेंद्र राठौड़, मां भाविका के अलावा दो बेटे 13 साल का तनिष्क और 16 साल का जैनम है।

मां को छोड़ सभी लोग इंदौर के अंजनी नगर में आयोजित नेहा डोसी के दीक्षा महोत्सव में शामिल होने आए थे। शुक्रवार को वे मुंबई लौट गए। महोत्सव में राठौड़ परिवार के अलावा आठ ऐसे लोग भी आए थे, जो अगले तीन-चार महीनों में वैराग्य धारण करने वाले हैं। ये सभी श्वेतांबर मूर्तिपूजक पंथ में दीक्षा ले रहे हैं।

भूपेंद्र ने बताया कि कारोबार से तीन करोड़ की सालाना आय होती है। संन्यास लेने से पहले वे करोड़ों की जमीन, दुकान और पूरा कारोबार अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को सौंप देंगे।

उम्र महज 13 साल और वैराग्‍य की तैयारी
अ"ङैल में वैराग्य लेने जा रहे 13 साल के तनिष्क से इसकी वजह पूछी गई तो कहा-आज अगर हम एक करोड़ की एफडी करवाते हैं तो हमें उन रुपयों से कहीं ज्यादा रुपए पांच साल बाद मिलते हैं। ठीक इसी तरह इस जन्म में वैराग्य धारण करते हैं तो अगला जीवन और बेहतर मिलेगा।

दादी रह जाएंगी अकेली...
तनिष्क और जैनम ने बताया कि उनकी मां पहले ही वैराग्य धारण करने वाली थीं, लेकिन नानाजी ने रोक दिया। जब यह बात दादी निर्मला को बताई तो वह सहमत हो गईं। बाद में पिताजी भी तैयार हो गए। जैनम ने कहा, सभी के वैराग्य लेने के बाद दादी मां अकेली रह जाएंगी। अब वह अंकल के पास रहेंगी। वहीं भूपेंद्र ने बताया कि वह घर बेचकर मां के लिए रुपए बैंक में जमा कर देंगे।

आठ और भी लेंगे वैराग्य
सूरत (गुजरात) के वैराग्य मेहता (21) ने बताया कि वह भी वैराग्य धारण करेगा। उसे इसकी प्रेरणा चाचा और बुआ से मिली। 15 दोस्त भी वैराग्य ले चुके हैं। चचेरी बहन सोनाली मेहता (24) भी दीक्षा लेंगी। वहीं अहमदाबाद की नियति शाह (23) ने कहा कि उनके दो भाई-बहन हैं। मां की इच्छा थी कि वह वैराग्य धारण कर ले। नियति 16 मई को अहमदाबाद में दीक्षा ग्रहण करेंगी। उधर राजस्थान से आई 32 वर्षीय बबीता बाफना ने बताया कि वैराग्य के लिए पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ चुकी हैं।

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