पढ़िए भारत के लिए मोदी नसीब: संकटहारी या संकटकारी

दीपक दुबे। प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा में कहा की उनके नसीब से पेट्रोल सस्ता हुआ है। उन्होंने आगे कहा की दिल्ली वालों को नसीब वाला चाहिए या बदनसीब।

वाह मोदी जी वाह यदि ये बात है तो आपके शपथ लेते ही ट्रैन एक्सीडेंट हुआ उस एक्सीडेंट में 50 से ज्यादा लोग मारे गए और इन 8 माह में रेल दुर्घटना में अब तक 300 से ज्यादा लोग मारे गए है। क्या वो भी आपका नसीब था।

आपके नसीब से 39 भारतीय अभी तक वापस नहीं आये है इराक से।
आपके नसीब से सीमा पर 150 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके है।
आपके नसीब से चीन 30 किलोमीटर भारतीय सीमा में घूस आया है और आप कह रहे हैं चीन से भारत के अटूट संबंध हैं।
आपके नसीब से देश में धार्मिक विभाजन के कगार पर आता जा रहा है।
आपके नसीब से ईमानदार अफसर संजीव चतुर्वेदी को एम्स से बाहर कर दिया।
आपके नसीब से जम्मू कश्मीर में अभी तक की सबसे भयानक बाढ़ आई जिसमे सेकड़ो लोग मारे गए और हज़ारो लोग हताहत हुए है।

आपके इतने अच्छे नसीब से महाराष्ट्र और गुजरात में इन 8 महीनो में 200 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके है। आपके नसीब से महंगाई बिलकुल भी कम नहीं हुई है, बस गिरता हुआ ग्राम दिखाई दे रहा है, कीमतें वहीं के वहीं है। आपके नसीब से लाखो किसानों की फसले ज्यादा वर्षा और सूखे से बर्बाद हुई है। आपका नसीब इतना शानदार है की पूरे देश में बलात्कार की 10000 से ज्यादा लडकिया/महिलाये शिकार हो चुकी है। क्या क्या गिनाउ साहेब आपके नसीब के बारे में।

यदि आप इतने नसीब वाले है तो उन बदनसीबों का क्या जो आपके आठ महीनो के कार्यकाल में दुखी परेशान हुए है। इसकी जिम्मेदारी भी आपको लेना पड़ेगी यदि पेट्रोल सस्ता जो की इंटरनेशनल कारणों से हुआ है और चुनावी क्रेडिट आप लेना चाहते है। आज गोपीनाथ मुंडे का परिवार क्या सोच रहा होगा की ये मोदी जी का नसीब था जो मंत्री पद की शपथ लेते ही सड़क दुर्घटना हो गयी। मुंडे परिवार से पूछिये की आप उनके लिए नसीब वाले रहे है या बदनसीब प्रधानमंत्री !!!!!!!

पब्लिक को उल्लू मत समझिए, तथ्यों और तर्कों पर बात कीजिए।

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