इंदौर। सीबीएसई स्कूलों की मनमानी का एक और मामला सामने आया है। यहां choithram international school, indore ने बिना पूर्वसूचना के फीस में 30 प्रतिशत की वृद्धि कर दी। इतना ही नहीं जब पेरेंट्स इस संदर्भ में चर्चा करने गए तो प्रंसीपल ने पेरेंट्स से मुलाकात तक नहीं की।
मामला माणिकबाग स्थित चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल का है। यहां सोमवार दोपहर साढ़े बारह बजे कुछ अभिभावक फीस वृद्धि का विरोध करने पहुंचे। नाम न छापने की शर्त पर अभिभावकों ने बताया कि उनका बच्चा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। पिछले साल उसकी फीस 1 लाख 7 हजार रुपए सालाना थी, जिसे इस साल बढाकर 1 लाख 39 हजार रुपए कर दिया।
यह तब पता चला जब फीस स्टेटमेंट का सर्क्युलर घर आया। इसी तरह सभी कक्षाओं में औसतन 25-30 हजार रुपए फीस बढ़ा दी गई है। जब इस बारे में प्रिंसिपल से शिकायत करना चाही तो स्कूल स्टाफ ने मिलने नहीं दिया। उन तक सूचना भी पहुंचाई तो वे बाहर मिलने नहीं आए। करीब एक घंटे तक बच्चों के अभिभावक मीटिंग हॉल में प्रिंसिपल का इंतजार करते रहे। फिर वे फीस न बढ़ाने का आवेदन देकर लौट गए।
फीस जिनोवा से होती है तय
चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल का मुख्यालय जिनेवा में है। यह ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है। हम तो यहां नौकरी करते हैं। स्कूल की फीस हेड ऑफिस से ही तय होती है। जो हमारे स्कूल की पढ़ाई और व्यवस्था है, उसकी कीमत 8 से 9 लाख रुपए सालाना है। जब परिजन आए थे तब मैं बच्चों की क्लास ले रहा था, इसलिए उनसे मिल नहीं सका। वे आवेदन छोडकर गए हैं, इसे हम हेड ऑफिस की जानकारी में ला देंगे।
दिलीप वासु, प्रिंसिपल, चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल