डाइरेक्टर जनरल पुलिस,
मध्य प्रदेश
विषय: ट्राफिक की बढती समस्याओं के समाधान समाज के सभी वर्गों के साथ करने का प्रयास.
सर,
बढ़ते वाहनों, ट्रैफिक नियमों की अज्ञानता व सर्वथा अनदेखी, ट्रैफिक पुलिस बल की कमी एवम् पुलिसिंग की पुरानी पध्यति, के कारण मध्य प्रदेश व भोपाल में ट्रैफिक समस्याएं चरम पर हैं. ट्राफिक पुलिस द्वारा बेतरतीब ट्राफिक को काबू करने की विफल प्रयासों को देखते हुए, वॉचलीग संस्था कुछ सुझाव एवम् अपने कुछ प्रयास पुलिस विभाग को प्रस्तावित करती है।
सीमित ट्रैफिक बल को मध्य प्रदेश के 7 केरोड जनता को नियंत्रित करना है जिसमे सड़क पर पैदल चलने-वाला भी नियम तोड़ रहा है। ट्रैफिक नियम सिर्फ बड़े चौराहों पर ही नहीं शहर के हर नुक्कड़ पर जानबूझ कर तोडे जाते हैं.
सुझाव 1 : सभी शहरों के प्रतिष्ठित नागरिकों को दिल्ली की तरह ट्रैफिक चालान काटने, एवम् इनके द्वारा सड़कों पर समय-समय पर खड़े हो कर ट्रैफिक अमले की मदद के जाये एवम् आम-जन को ट्रैफिक नियम सीखने के लिये प्रेरित किया जाये। समाज में प्रतिष्ठित नागरिकों का एक स्थान होता है और यदि वे ट्रैफिक अमले का साथ देंगे तो निश्चित ही लोग नियम पालन को बाध्य होंगे।
भोपाल में वॉचलीग इस ओर आपकी सहायता को तत्पर है।
भोपाल प्रदेश की राजधानी होने के साथ ही ट्रैफिक समस्याओं से जूझने मे अव्वल शहर है। यहाँ सबसे अधिक कठिनाई ट्रैफिक अमले को निम्न कारणों से है:
A. व्यस्ततम ट्रैफिक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के कैमरे लगे हैं और इनसे खिंची गयी फोटो द्वारा नियम उल्लंघन-कर्ताओं के घर पर ट्रैफिक चलान पन्हुच रहे है परन्तु इस बात का ज्ञान सभी वाहन चलकों को हो, यह महत्वपूर्ण है। कृपया इसे दर्शाते सूचना बोर्ड लगाये जायें।
वॉचलीग प्रदेश के कारोबारी जगत से साइन-बोर्ड लगवाने हेतु प्रयासरत है।
सुझाव 2: भोपाल एवम प्रदेश के सभी चौराहों पर कैमरे लगायें जायें एवम चालान पद्धति को सरल किया जाये।
B. 18 वर्ष से काम उम्र की बच्चियों द्वारा अनियंत्रित वाहन दोडाना, सभी महिला वाहन चालकों द्वारा ट्रैफ़िक नियम् तोड़ने पर ट्रैफ़िक पुलिस का रोकेने एवम् चालान करने में अक्षम होना, लड़कियों/महिलाओं के उपर कार्यवाहीना होने के कारण हेल्मेट नहीं पेहेनना, आदि करण भोपाल के ऐक्सीडेंट रेट को प्रभावित करते हैं।
सुझाव 3: पुलिस में महिला बल की कमी होते हुए भी, भोपाल ट्रैफ़िक पुलिस को महिला कॉन्स्टेबल्स दी जाएं जो नियम तोड़ने वाली बच्चियों वा उनके पiलकों, नियम विरुध वाहन चलने वाली महिलाओं के विरुध कार्यवाही कर सकें।
वॉचलीग इस में मीडीया के सकारात्मक सहयोग से इस कार्यवाही का जन-व्यापी, प्रदेश-व्यापी प्रचलन बनाने का प्रयास करेगी।
C. सभी व्यस्त चौराहों पर भीख मांगने, अखबर बेचने और खिलौने बेचने वालों की बहुत बड़ी तदाद है। यह ट्रैफिक संचलन को बधित करते हैं, अक्सिडेंट्स का कारण बनते हैं और लूट एवम चोरी भी करते हैं। कुछ समय पूर्व एक NGO एवम भोपाल पुलिस द्वारा इनके विरुद्ध प्रशंसनीय कार्य किया गया।
सुझाव 3: गैर-कानूनी तत्वों को हटाना सिर्फ और सिर्फ पुलिस के अधिकार क्षेत्र की बात है। वाचलीग के सदस्य, समाजिक कार्यकर्ता उक्त तत्वों को समझा तो सकते हैं। पर हर चौरहे पर, पुलिस की मौजूदगी के चलते यदी भिखारी व खिलौने बेचने वाले वहन चालकों की सुरक्षा व यतायात की सुरक्षा को बाधित करते हैं, तो यह ट्रैफिक पुलिस के लिये शर्मनाक स्तिथी है.
D. मिनी बसों का संचालन भोपाल मे पूर्णतः अनियंत्रित है। इनके चालकों द्वारा भी ट्रैफ़िक नियमों की खुल कर अवहेलना की जाती है। मिनी बस संचालकों की प्रदेश के शक्तिशाली अधिकारियों एवम् नेताओं में पैठ होने के कारण ट्रैफ़िक अमला कोई प्रभावी कार्यवाही करने में अक्षम है।
सुझाव 4: मिनी बसों पर सख्त कार्यवाही की जाये एवम् कतिपय 'बड़े व्यक्तियों' से आये अनैतिक आदेशों से वॉचलीग को अवगत कराएं। हम उन बड़े लोगों से निवेदन करेंगे की भोपाल की ट्रैफ़िक व्यवस्था को सही करने हेतु वह मीनी बस संचालकों को प्रेरित करें।
यह कुछ ऐसे सुझाव हैं जिन्हे तत्काल लागू किया जा सकता है। साथ ही पुलिस विभाग जनसंख्या व वाहनों के बढ़ने के हिसाब से ही ट्रैफिक बल बढ़ाने व प्रदेश में अधिक से अधिक स्थानों पर कमरे लगवाने का प्रयास करे।
सर, समाज के अधिनिकीकरण को देखते हुये अवश्यकता है की पुलिसिंग की नयी पद्यति का विकास
किया जाये। वॉचलीग पुलिस विभाग को आगे भी सुझाव व सहयोग देगी.
वॉचलीग सभी सामाजिक संस्थाओं से सहयोग की आशा करती है।
सधन्यवाद,
संयोजक
वॉचलीग
93/1, RK TOWER, ZONE II,
MP NAGAR, BHOPAL – 462 011.
PH: 9406991008/9755183801
उक्त सभी समाधन व सुझाव वाचलीग को भोपाल पुलिस/ भोपाल ट्रैफिक पुलिस के सकारात्मक योगदान से प्राप्त हुए हैं।