गौतम चौबे/रायपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने प्रदेश के कर्मचारियों के करोड़ों रुपए उनके ईपीएफ खाते से गायब कर दिए हैं। ये पैसे ईपीएफओ के खाते में तो जमा कराए गए हैं परंतु ईपीएफओ ने कर्मचारियों के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किए। इसे लेकर हजारों कर्मचारी परेशान हैं और वे न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।
मामला अप्रैल 2012 का है, जब ऑनलाइन चालान शुरू किया गया। उस दरमियान कई नियोक्ता कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का अंशदान समय से पहले ही बैंकों में मैन्युअल जमा कर दिया। बाद में उन्होंने पीडीएफ के साथ चालान की कॉपी भी जमा की, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी हजारों कर्मचारियों के खाते में एक माह का पैसा जमा नहीं हुआ है। इस समस्या को लेकर कुछ कंपनी के अधिकारियों ने कमिश्नर से मुलाकात भी की।
अप्रैल 2012 से पहले तक बैंकों में मैन्युअल चालान जमा किया जाता था। कंपनियां अपने कर्मचारियों के अंशदान के साथ अपना अंश मिलाकर ईपीएफ के बैंक खाते में जमा करती थीं, जिसके बाद ईपीएफ संगठन कर्मचारियों के खाते में पैसे जमा करता था। ऑनलाइन होने के तीन साल बाद भी करोड़ों रुपए कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं होने शिकायत नियोक्ता कंपनियों ने कमिश्नर से की।
फिर कमिश्नर के निर्देश पर कंपनियों ने कम्प्यूटर के पीडीएफ फाइल भी चालान के साथ जमा कर दी, उसके बाद भी कर्मचारियों के खाते में पैसे जमा नहीं हुए। इसे लेकर नियोक्ता कंपनी के अधिकारियों ने दोबारा कमिश्नर से मुलाकात की, जिस पर कमिश्नर ने कह दिया कि पीडीएफ फाइल जमा कर दो। मैं कुछ नहीं कर सकता, जब तक नया सॉफ्टवेयर न आ जाए।
कर्मचारियों के पसीने का पैसा है। कई लोगों ने मुझसे भी शिकायत की है कि उनके एक माह का पैसा जमा नहीं हुआ है। ऑनलाइन के कारण हो या कोई अन्य खराबी, जवाबदारी ईपीएफ वाले की है। इसका खामियाजा कर्मचारी क्यों भुगते? इसे लेकर श्रम न्यायालय में शिकायत की जाएगी।
विजय झा
कर्मचारी नेता, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ
ऑनलाइल चालान शुरू होने के बाद मैन्युअल में परेशानी कई जगहों पर हुई है। इसके लिए उन्हें पीडीएफ लाने के लिए कहा गया। उसके बाद उनकी समस्या दूर हो गई। कौन सी कंपनी का है नाम बता दीजिए।
शफीक अहमद कुरैशी
जनसंपर्क अधिकारी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन रायपुर