नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ की पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 साल की जा सकती है। संगठन के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) गुरुवार को बैठक होनी है। इसमें बोर्ड ईपीएस-95 की तहत आयु सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। फिलहाल, इस पेंशन योजना के अधीन आने वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारी 58 साल की आयु तक पेंशन योजना में अंशदान कर सकते हैं। उसके बाद पेंशन का दावा कर सकते हैं।
पेंशन कार्यान्वयन समिति (पीआइसी) ने पेंशन की आयु सीमा बढ़ाकर 60 साल करने की सिफारिश की है। समिति के मुताबिक, एक्चुरी को उन लोगों के लिए प्रोत्साहन का मॉडल तैयार करने को कहा जाना चाहिए, जो 60 साल की आयु पर पेंशन लाभ लेना चाहते हैं। सीबीटी की बैठक के एजेंडे के अनुसार, आयु सीमा में संशोधन से पेंशन कोष का घाटा कम होगा और सदस्यों के लिए पेंशन लाभ बढ़ेगा।
पेंशन योजना के मूल्यांकन पर तैयार एक रिपोर्ट के अनुसार ईपीएस-95 के तहत आयु सीमा बढऩे से पेंशन फंड में होने वाली कमी को 27,067 करोड़ रुपये तक कम किया जा सकता है। 31 मार्च, 2012 को इस योजना का शुद्ध घाटा 10,855 करोड़ रुपये था। 31 मार्च, 2013 को यह 6,712.96 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2014 को यह 7,832.74 करोड़ रुपये रहा।
समिति ने यह भी प्रस्ताव किया है कि अल्पसेवा पेंशन पात्रता आयु को भी 50 से बढ़ाकर 55 साल कर दिया जाना चाहिए। इस उपाय से पेंशन कोष में होने वाली कमी को 12,028 करोड़ रुपये तक कम किया जा सकेगा। इसके अलावा पेंशन योग्य वेतन का निर्धारण पेंशन स्कीम से निकासी से ठीक पहले की 36 माह की औसत पगार के आधार पर किया जाना चाहिए। फिलहाल 60 माह की औसत सैलरी के आधार पर यह निर्धारण किया जाता है।