झाबुआ। जिन निजी विद्यालयों ने मैपिंग में दर्ज छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए रजिस्ट्रेशन या स्वीकृति नहीं की है, उनके संचालकों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर कराई जाएगी। इन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
निजी स्कूलों के अलावा जिन सरकारी स्कूलों में काम नहीं हुआ उनके संस्था प्रमुखों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिला पंचायत सीर्ईओ ने मंगलवार को जिले के 37 संकुल प्राचार्यों को नोटिस जारी किए। इनसे कहा गया है कि 10 फरवरी तक कार्रवाई के प्रस्ताव और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
जिन्हें नोटिस जारी किए गए, वो ऐसे संकुल हैं, जहां रजिस्ट्रेशन और पात्रता अनुसार स्वीकृति का काम 50 प्रश या इससे कम हुआ है। इनसे ये भी कहा गया है कि 10 तारीख तक जवाब या कार्रवाई के प्रस्ताव नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। सभी स्कूलों को 26 जनवरी तक काम पूरा कर लेने के निर्देश दिए गए थे और 2 फरवरी को प्रमाण पत्र देने को कहा गया था। 27 संकुल प्राचार्यों का काम 50 प्रश से ज्यादा है, लेकिन पूरा नहीं है। इन्हें 10 फरवरी तक बचा काम पूरा करने की हिदायत दी गई है।
नोटिस की खबर के बाद से सारे शिक्षक फिर से काम पूरा करने में जुट गए। समेकित छात्रवृत्ति के मामले में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। दरअसल सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थी जो वजीफे के पात्र हैं, उनकी मैपिंग ऑनलाइन की जाना है। ऑनलाइन मैपिंग में रजिस्ट्रेशन के बाद पात्रतानुसार स्वीकृति लेकर छात्रवृत्ति का वितरण किया जाना है, लेकिन 2014-15 का काफी काम अभी तक पूरा नहीं हुआ। 18 संकुल में मंगलवार तक 25 प्रश काम भी नहीं किया जा सका। जिले के सभी 71 संकुलों में किए गए कार्य ही 45 प्रश से कुछ ज्यादा है। यानी आधे छात्रों की छात्रवृत्ति अभी स्वीकृत नहीं हो सकी।
तत्काल होगी कार्रवाई
नोटिस जारी किए हैं। अभी कुछ और समय दिया जा सकता है, लेकिन जिन स्कूलों की प्रगति 20 प्रश से भी कम है, वहां तत्काल कार्रवाई की जाएगी। संकुल प्राचार्य प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। छात्रों को सत्र में ही छात्रवृत्ति मिलना चाहिए। इसमें लापरवाही करने वाले निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जा रही है।
धनराजू एस.
सीईओ, जिला पंचायत, झाबुआ