नईदिल्ली। महाशिवरात्रि उत्सव से ठीक पहले वाशिंगटन में एक मंदिर की दीवार पर नफरत फैलाने वाला संदेश लिख दिए जाने और वहां बने स्वास्तिक के चिन्ह पर स्प्रे कर दिए जाने से यहां रहने वाला समुदाय स्तब्ध है। यह घटना उस समय हुई जब अज्ञात बदमाशों ने सिएटल मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में एक मंदिर की दीवार पर स्वास्तिक के ऊपर स्प्रे कर दिया और फिर पेंट से ‘गेट आउट’ लिख दिया। मंदिर में तोड़फोड़ भी किया गया है। यह मंदिर पूरे उत्तर पश्चिम के सबसे बड़े हिन्दू मंदिरों में से एक है। इसकी चारों तरफ निंदा हो रही है।
स्नोहोमिश काउंटी के शेरिफ का विभाग इस मामले की जांच एक द्वेषपूर्ण उत्पीड़न की घटना के तौर पर कर रहा है। कल काउंटी के शीर्ष अधिकारियों ने मंदिर का दौरा किया।
हिन्दू मंदिर एवं सांस्कृतिक केंद्र, बोथेल, वाशिंगटन के न्यास बोर्ड के अध्यक्ष नित्य निरंजन ने बताया, इस तरह की चीज अमेरिका में नहीं होनी चाहिए। किसी को निकल जाने के लिए कहने वाले आप कौन होते हैं? यह प्रवासियों का देश है। आज मंदिर में भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है।
निरंजन ने बताया कि कुछ साल पहले मंदिर की बाहरी दीवार पर किसी ने स्प्रे कर दिया था, लेकिन इस घटना को कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों के संज्ञान में इसलिए नहीं लाया गया, क्योंकि वहां कुछ भी लिखा नहीं गया था।
निरंजन ने कहा, हमें कोई अंदाजा नहीं है कि यह किसने किया? कुछ ही ब्लॉक की दूरी पर स्थित स्काइव्यू जूनियर हाई स्कूल पर भी स्वास्तिक बनाया गया था और लिखा गया था, मुस्लिमों यहां से निकलो।
यह मंदिर यहां लगभग दो दशकों से है और मौजूदा इमारत में दूसरे चरण का निर्माण कार्य हाल ही में शुरू हुआ है। हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इस घटना की निंदा की है।
एचएएफ के सरकारी संबंधों के निदेशक जे कंसारा ने कहा, एक बड़े हिन्दू त्योहार से पहले यह अपराध हुआ है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशेष चौकसी की जरूरत रेखांकित करता है। कंसारा ने कहा, हम बॉथेल शहर के पुलिस विभाग द्वारा की जा रही व्यापक जांच से उत्साहित हैं। एचएएफ तब तक स्थानीय समुदाय के जरिये शहर, राज्य और संघीय अधिकारियों के साथ सहयोग करता रहेगा, जब तक साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे तक नहीं ले आया जाता।
अमेरिका में, पिछले कुछ समय से हिन्दू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में इजाफा देखा गया है। पिछले साल वर्जीनिया की लोउडोउन काउंटी और जॉर्जिया के मोनरो में ऐसी ही घटनाएं देखने में आई थीं।
1 जनवरी 2015 से न्याय विभाग ने अपराध दर्ज करने वाले सभी फार्म में नफरत फैलाने की आशंका से किए गए अपराध के तहत हिन्दू विरोधी श्रेणी को शामिल करने का आदेश दिया था।
एचएएफ बोर्ड की सदस्य पदमा कुप्पा ने कहा, पूजास्थल वे स्थान हैं, जहां लोग सुरक्षित रह सकें, शांत रह सकें और दूसरों की सेवा के लिए प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा, सिएटल में हिन्दू मंदिर में छेड़छाड़ किए जाने के अलावा बीते सप्ताहांत में एक मस्जिद में हुई आगजनी की घटना से समुदायों के बीच डर और अविश्वास पैदा हो गया।