देहरादून। पहली स्वदेशी घड़ी निर्माता वॉच कम्पनी एचएमटी बन्द होने के कगार पर है। कई सालों से घाटे में चल रही कम्पनी के सभी शोरुम 31 मार्च तक बन्द करने और कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दिलाए जाने की सुगबुगाहट से कर्मचारियों में हड़कम्प मचा हुआ है। इतना ही नहीं 11 महीने से सैलेरी का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को राज्य सरकार से भी निराशा ही हाथ लगी है।
बता दें कि एचएमटी वॉच कम्पनी की रानीबाग में स्थापना हुई। 1982 में तत्कालीन उद्योग मंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी ने एचएमटी की नींव रखी और 1985 में तत्कालुन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका उद्घाटन किया लेकिन वक्त बदलने के साथ ही लोगों को समय बताने वाली एचएमटी कंपनी का खुद का बुरा वक्त आ गया। निजी घड़ी निर्माता कंपनियों से प्रतिस्पर्घा में एचएमटी पिछड़ गई और दिसम्बर 2013 में तो फैक्ट्री का बिजली कनेक्शन तक कट गया।
वहीं दूसरी ओर ग्यारह महीने से कर्मचारी तनख्वाह को तड़प गए हैं और उनका घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन राज्य सरकार भी इन कर्मचारियों की मदद से हाथ खड़े कर चुकी है। राज्य सरकार के पास सहानुभूति के दो बोल तो हैं लेकिन दो वक्त की रोटी कंपनी बंद होने के बाद कैसे मिले इस सवाल का जवाब नहीं।