इंदौर। मप्र पीएससी प्री 2013 में फिर एक नया पेंच आ गया है। जिस प्रश्न के उत्तर को आईएएस की परीक्षा (यूपीएससी) में सही माना गया था उसे पीएससी ने गलत ठहराया और गलत उत्तर को सही मानते हुए मूल्यांकन किया। अब उम्मीदवार इसे आधार बनाकर पीएससी को कटघरे में खड़ा कर मूल्यांकन में गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रहे हैं। जिन उम्मीदवारों का चयन इस परीक्षा में दो नंबर से रुक गया वे आपत्ति लेते हुए कोर्ट जाने का कह रहे हैं। पीएससी प्री 2013 में जो प्रश्न पूछा था वही प्रश्न यूपीएससी ने प्री 2010 की परीक्षा में पूछा था।
पहले ऐसे बदला जवाब
मप्र पीएससी ने 27 जुलाई 2014 को हुई राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा-2013 के दूसरे पर्चे सामान्य अभिरुचि के सेट-ए में 47 नंबर पर एक प्रश्न पूछा था, जिसका सही उत्तर पीएससी ने मॉडल आंसरशीट में 'बी' विकल्प बताया था, लेकिन फाइनल आंसरशीट इसका जवाब 'सी' विकल्प बताया। इसी आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया।
यह प्रश्न पूछा था
'एक मीटिंग में एक गांव का नक्शा इस तरह रखा गया कि दक्षिण-पूर्व, उत्तर दिशा बन गया। उत्तर-पूर्व, पश्चिम दिशा बन गया। ऐसे में दक्षिण क्या बन जाएगा ?' इस सवाल का सही जवाब आईएएस प्रश्न-पत्र में उत्तर-पूर्व माना था। पीएससी ने मॉडल आंसरशीट में इसी जवाब को सही माना था, लेकिन फाइनल आंसरशीट में 'उत्तर-पश्चिम' को सही मान रिजल्ट दिया गया।
अभ्यर्थी बोले- कोर्ट जाएंगे
अभ्यर्थी राहुल सिंह के अनुसार मेरे अंक 248 हैं। जबकि परीक्षा का कटऑफ 250 है। इस गलत जवाब के कारण मैं बाहर हूं। जबकि ऐसे लोग अंदर हैं, जिन्हें बाहर होना चाहिए। मार्च में मुख्य परीक्षा होगी मुझ जैसे सैकड़ों छात्र को उसमें शामिल होने की अनुमति मिलना चाहिए।
विषय विशेषज्ञ करते हैं जवाब तैयार
आयोग प्रश्न-पत्र या उत्तर तय नहीं करता। विषय विशेषज्ञ के दिए जवाबों के आधार पर ही रिजल्ट बनता है।
मनोहर दुबे, सचिव