इंदौर। PSC की राज्यसेवा परीक्षा-2013 को लेकर सोमवार को कोर्ट में शासन का जवाब पेश किया गया। शासन ने कहा है कि इस परीक्षा की कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए STF से जांच का सवाल ही नहीं उठता है। जवाब पेश होने के बाद भी याचिका पर सुनवाई टल गई। अभ्यर्थियों के वकील याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए आवेदन दाखिल करेंगे। गौरतलब है कि उम्मीदवारों ने पीएससी-2013 रद्द करने और एसटीएफ से जांच करवाने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। मामले में पीएससी पहले ही जवाब दे चुका है।
जवाब से संतुष्ट नहीं याचिकाकर्ता
कोर्ट में सभी पक्षों के जवाब प्रस्तुत हो गए हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील पुष्य मित्र भार्गव के अनुसार, शासन ने एसटीएफ के हवाले से जवाब दिया है कि उन्हें पीएससी-2013 की कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए जांच नहीं की जा रही है। मामले में पीएससी अपने स्तर पर शिकायतों का निराकरण कर निर्णय ले। हम इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। हम तो स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं।
मार्च में है मुख्य परीक्षा
कोर्ट में मामले पर सुनवाई टलने से उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, आयोग इसकी मुख्य परीक्षा मार्च में ले रहा है। उम्मीदवारों ने परीक्षा पर स्थगन भी मांगा था। सोमवार की सुनवाई टलने से उन्हें झटका लगा है। उम्मीदवारों के मुताबिक, कोर्ट के निर्णय से पहले मुख्य परीक्षा होने से मामला उलझ जाएगा।
याचिका : प्रश्न गलत, गाइड भी एक ही
पीएससी-2013 की प्रारंभिक परीक्षा जुलाई में हुई थी। इसमें 16 सवाल गलत पाए गए थे। सवालों को रद्द कर पीएससी ने 32 नंबर घटा दिए और मूल्यांकन कर दिया। अभ्यर्थियों ने यह भी शिकायत की कि पेपर उप्र की एक गाइड में से सेट कर दिया गया। यह आरोप भी लगाए कि पेपर सेट करवाने वाले परीक्षा नियंत्रक डॉ. श्रीकृष्ण शर्मा हैं, जिनके कार्यकाल में आयुर्वेद अधिकारी और पीएससी-2012 के पेपर लीक हो चुके हैं। लिहाजा इस परीक्षा के पेपर भी लीक होने की आशंका है। याचिका के जरिए हाई कोर्ट से परीक्षा को रद्द करने के साथ एसटीएफ से जांच करवाने की मांग की गई है।
जल्द सुनवाई के लिए आवेदन देंगे
हम मुख्य परीक्षा पर स्थगन और एसटीएफ से जांच की मांग कर रहे हैं। हम जल्द सुनवाई के लिए कोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
पुष्यमित्र भार्गव, अभ्यर्थियों के वकील