खंडवा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां आज भी आम इंसानों की हदों में नहीं आतीं। बड़ी रकम खर्च करनी होती है इन तैयारियों में। इतनी बड़ी कि कई बार उसे जुटाने के लिए आदमी को गलत रास्तों का भी उपयोग करना पड़ता है। यहां एक प्रतिभाशाली बेरोजगार युवक ने पीएससी कोचिंग एवं अन्य खर्चों का पैसा जुटाने के लिए एक मासूम का अपहरण कर डाला। कानून की किताबों में भले ही उसे मुजरिम और अपहृत मासूम को पीड़ित कहा जाए परंतु नजरिया बदलकर देखिए तो समझ आएगा कि दोनों ही पीड़ित हैं।
घटना जिले के देशगांव की है। शुक्रवार रात 12 बजे पुलिस चौकी में होटल व्यवसायी वीरेंद्र पटेल ने शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा आदर्श पटेल (9) भंडारी स्कूल खंडवा में कक्षा चौथी में पढ़ाई करता है। शाम 7 बजे होटल पर आया था और 10 रुपए लेकर गया। जब मैं रात 10 घर पहुंचा तो पत्नी प्रेमलता ने बताया कि आदर्श अब तक घर नहीं आया है। रात 11.45 बजे वीरेंद्र पुलिस से बात कर रहे थे। इस दौरान अपहर्ता ने फोन किया कि तुम्हारा बेटा हमारे कब्जे में उसकी उसकी जिंदगी चाहते हो तो तीन घंटे के भीतर 20 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। फिरौती की रकम कहां लाना है, यह बाद में बताएंगे।
एसपी एमएस सिकरवार ने अपहर्ता के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर डाला। जिसमें मोबाइल सिम श्योरपुर के एक व्यक्ति के नाम का रजिस्ट्रेशन मिला लेकिन अपहर्ता की लोकेशन पिपलौद क्षेत्र की मिली। इस पर देशगांव के एक कोचिंग संचालक मानसिंह वास्कले (23) के मोबाइल पर बात हो रही थी।
सर्चिंग कर रही पुलिस टीम को अमरावती रोड और गुड़ी के जंगल सर्चिंग की इस दौरान बालक को बाइक पर ले जा रहे अपहर्ता दिखाई दिए। टीआई अमरसिंह बड़ोले संदिग्धों को बाइक रोकने के लिए कहा। टीआई ने हवाई फायर किया। और शूट करने की धमकी दी तो अपहर्ताओं ने सरेंडर कर दिया। अपहर्ता देवेंद्र उर्फ बनवारी यादव (22) निवासी हंडिया खेड़ा, रितेश तड़वी (19) निवासी सेमलिया टांडा को गिरफ्तार कर बालक को कब्जे में लिया।
PSC का खर्च जुटाने चाहिए था रुपया
अपहरणकांड का मास्टरमाइंड मानसिंह वास्कले बीए पास है। इंदौर में पढ़ाई के बाद वह अपने जीजा नरेंद्र भिलाला देशगांव मोबाइल टॉवर के पास दो माह से रह रहा था। मानसिंह पीएससी की तैयारी कर रहा था। पीएससी की कोचिंग और अन्य खर्च के लिए रुपए का इंतजाम नहीं हो रहा था।
इसी बीच उसे एक ऐसी संगत मिल गई जिसने डिप्टी कलेक्टर बनने निकले प्रतिभावान युवक को अपराधी बना डाला। दवेंद्र उर्फ बनवानी नाम का साथी पंचायत चुनाव लड़ रहा था। वोटर्स को बांटने के लिए उसे भी पैसों की जरूरत थी अत: दोनों ने मिलकर इस अपहरण को प्लान किया, ताकि दोनों की जरूरतें पूरी हो सकें।