रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों व कार्यकलापों में छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी-कर्मचारी अब बेहिचक हिस्सा ले सकेंगे। राज्य सरकार ने शासकीय सेवकों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में भाग लेने के संबंध में 30 मई 2000 को जारी प्रतिबंध के आदेश को शिथिल कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने नए आदेश में साफ कहा है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-5 के उप नियम (1) का प्रतिबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लागू नहीं होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने राजस्व मंडल के अध्यक्ष सहित सभी विभागों के प्रमुखों, संभागीय कमिश्नरों, कलेक्टरों व जिला पंचायत के सीईओ को परिपत्र जारी किया है।
बताया गया है कि मध्यप्रदेश में पहले ही इस तरह के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भी शासकीय सेवकों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में भाग लेने के संबंध में नया आदेश जारी किया गया है। 1993 में बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाया था।
इस कड़ी में अविभाजित मध्यप्रदेश में सरकार ने एक आदेश जारी कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में शासकीय सेवकों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। छत्तीसगढ़ ने भी अब इस आदेश को शिथिल कर दिया है। हालांकि सरकार ने यह नहीं कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में शासकीय अधिकारी-कर्मचारी हिस्सा लें, नए आदेश से यह साफ हो गया है कि शासकीय अधिकारी-कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।
'राज्य शासन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में शासकीय सेवकों के भाग लेने के संबंध में 30 मई 2000 को जारी आदेश को शिथिल कर दिया है।'
डीडी सिंह, विशेष सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग