तो क्या STF के अधिकारी कर रहे थे सबूतों से खिलवाड़ | Vyapam Scam

shailendra gupta
भोपाल। मप्र कांग्रेस ने व्यापमं घोटाले में एसटीएफ के जांच अधिकारी डीएस बघेल की कॉल डीटेल सार्वजनिक करने या उसकी जांच करने की मांग की है। कांग्रेस का खुला आरोप है कि डीएस बघेल ने सबूतों से छेड़छाड़ करने में अतिविशिष्ट व्यक्ति की मदद की। इतना ही नहीं वो कई अन्य व्यापमं आरोपियों से भी प्रेमपूर्ण व्यवहार बनाए हुए थे।

कांग्रेस के केके मिश्रा ने एसआईटी प्रमुख चंद्रेश भूषण से आग्रह किया है कि वे व्यापम महाघोटाले की जांच कर रही एजेंसी एसटीएफ के एडीजी सुधीर शाही और विवेचना अधिकारी डीएस बघेल के काॅल डिटेल्स की भी जांच करवाये, क्योंकि दस्तावेजों में हुई छेड़छाड़ इन प्रमुख अधिकारियों की देखरेख में ही हुई है। इस दौरान काॅल डिटेल्स की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह खुलासा हो जाएगा कि ये अधिकारी किन-किन महत्वपूर्ण लोगों के संपर्क में थे।

हालांकि, उन्होंने एडीजी शाही को बेहद ईमानदारी अधिकारी बताया है, किंतु बघेल पर यह आरोप लगाया है कि परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले में शामिल साहब बहादुर सिंह जिसका रोल नं. 655444 और अन्य परीक्षाओं में 3 हजार रूपये का इनामी फरार आरोपी वीर बहादुरसिंह बघेल दोनों ही सगे भाई न केवल बघेल के रिश्तेदार हैं, बल्कि घोटाले में भी बघेल के संपर्क में थे। इसी प्रकार परिवहन आरक्षक पंकज शुक्ल रोल नं. 653625, बृजेश मिश्रा रोल नं. 607414, दिनेश शुक्ला 648791 तथा चंद्रभूषण गौतम ये चारों रिश्तेदार भी तत्कालीन परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा, जेल में बंद ओपी शुक्ला और डीएसपी बघेल के संपर्क में थे।

मिश्रा ने कहा चूंकि गुजरात में फर्जी एनकाउंटर के दौरान दस्तावेजी सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में कई पुलिस अधिकारी जेल में बंद हैं। उसी आधार पर कांग्रेस का यह मानना है कि व्यापम महाघोटाले के दस्तावेजी सबूतों में छेड़छाड़ करने वाले अधिकारियों के नाम भी काॅल डिटेल्स की जांच से सार्वजनिक हो सकते हैं।

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