भोपाल। पूरे मप्र में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है। पीड़ितों की संख्या में इजाफा और मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। धार में सार्वजनिक इलाकों में मास्क अनिवार्य कर दिए गए हैं। ग्वालियर में मास्क पहनकर स्कूल की कक्षाएं चल रहीं हैं। सरकारी स्कूलों में जुकाम पीड़ित बच्चों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है परंतु जमीनी स्तर पर सरकारी प्रयास कतई नहीं हो रहे। सीएम समाचारों की सुर्खियों में अवश्य हैं परंतु हाईकोर्ट में मप्र शासन ने जवाब पेश किया है कि यह मौसमी प्रकोप है, तापमान बढ़ते ही खत्म हो जाएगा। कुल मिलाकर मप्र शासन तापमान बढ़ने का इंतजार कर रहा है, बीमारी से लड़ने के इंतजाम नहीं।
मप्र में जुकाम पीड़ित छात्रों का स्कूल प्रवेश प्रतिबंधित
भोपाल। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर मप्र के स्कूलों में शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। सभी बोर्ड के स्कूलों को नोटिस जारी किया है। कहा गया है कि अत्यधिक सर्दी-जुकाम से पीडि़त छात्रों को स्कूलों न आने दें। शिक्षक अपने स्तर पर भी एेसे बच्चों की जांच करें।
स्कूलों में बजी खतरे की घंटी
स्वाइन फ्लू की जहां हर तरफ दहशत नजर आ रही है, वहां स्कूलों बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका खतरा ज्यादा मंडरा रहा है। मप्र के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं। न तो सरकारी स्कूलों में स्वाइन फ्लू से सुरक्षा के कोई उपाय नजर आ रहे हैं और न ही प्राइवेट स्कूलों में कोई इंतजाम किए गए हैं। यहां पढ़ने वाले हजारों बच्चों के स्वास्थ्य पर स्वाइन फ्लू का खतरा नजर आ रहा है।
स्वाइन फ्लू से इंजीनियर की मौत
जबलपुर। स्वाइन फ्लू में प्रदेश में लगातार मौत में इजाफा हो रहा है। हाल ही में घमापुर निवासी 42 साल के एक इंजीनियर की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। उसे गंभीर हालत में मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मृतक के भांजे का कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडर समय पर नहीं बदला गया, इससे मौत हुई। इंजीनियर की मौत के बाद क्षेत्रवासी सकते में हैं। अब तक शहर में स्वाइन फ्लू से चार मौत हो चुकी हैं। इसके अलावा 8 केस पाजीटिव आ चुके हैं।
सूना हुआ कॉलेज कैंपस, भयभीत छात्र नहीं आए
विदिशा। स्वाइन फ्लू के डर से गुरुवार को एसएटीआई के छात्र-छात्राएं कक्षाओं में नहीं पहुंचे। इसके चलते एसएटीआई का पूरा कैंपस सूना नजर आया। स्टूडेंट्स स्वाइन फ्लू के चलते छुट्टी घोषित करने की मांग कर रहे थे। प्रबंधन नहीं माना परंतु छात्र भी कॉलेज नहीं आए। शहर के सरकारी और निजी स्कूलों में भी साफ सफाई का अभाव नजर आ रहा है। इस स्थिति में बच्चों के पालकों को भी बच्चों में स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा सताने लगा है।
इंदौर में मृतकों की संख्या 19 हुई
इंदौर। स्वाइन फ्लू के दो मरीजों की स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद यहां नये साल में एच1एन1 वायरस के संक्रमण से दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 19 पर पहुंच गयी.
शासकीय महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय दीक्षित ने आज ‘पीटीआई.भाषा’ को बताया कि शहर के एक निजी अस्पताल में स्वाइन फ्लू के इलाज के दौरान 38 वर्षीय पुरष और 48 वर्षीय पुरष की कल मौत हो गयी.
उन्होंने बताया कि दोनों मरीजों के स्वाब नमूनों की जांच रिपोर्ट आज आयी, जिसमें पुष्टि हुई कि वे एच1एन1 वायरस से संक्रमित थे. दीक्षित ने बताया कि एक जनवरी से लेकर अब तक यहां 58 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई. इनमें से 19 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी, जबकि करीब 10 मरीजों की हालत में सुधार के बाद उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी.
धार में बिना मास्क के बाहर ना निकलें: कलेक्टर
धार। स्वाइन फ्लू को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि स्वाइन फ्लू को लेकर कलेक्टर ने कहा है कि सभी लोग मास्क लगाकर निकलें। स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में सभी नागरिक अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। विदित हो कि अब तक धार जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक मरीज की इंदौर में इलाज दौरान गुरूवार को मौत हुई, जबकि दो की पहले ही धार में मौत हो चुकी है। दो मरीज धार के ही निवासी बताए जा रहे हैं।