भोपाल। विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षण अशोक सिंघल ने कहा कि मैं मोदी के मेक इन इंडिया पर विश्वास नहीं करता। हमें पं.दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विकास के मॉडल का अनुसरण करना चाहिए।'
डॉ. स्वामी अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ (इलाहाबाद) द्वारा समन्वय भवन में आयोजित 'एकात्म मानववाद के विशेष संदर्भ में आर्थिक विकास' विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक अशोक सिंघल ने की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले व सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू भी मौजूद रहे।
करोड़पति कारोबारियों ने दी थी पं. दीनदयाल की सुपारी
डॉ. स्वामी ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की हत्या 11 फरवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में ट्रेन में की गई थी। उनकी हत्या के पीछे कम्युनिस्ट ताकतें थीं। वे जिस बोगी में बैठे थे, उसमें जितने भी लोगों के रिजर्वेशन थे वे सब फर्जी थे। उन पतों पर बाद में कोई व्यक्ति नहीं मिला। पं. दीनदयाल उपाध्याय आर्थिक विकास का अपना अलग मॉडल लेकर आए थे, जिससे पूंजीवादी व साम्यवादी घबरा उठे थे। यही वजह थी कि उनकी हत्या की गई।
मेक इन इंडिया में विश्वास नहीं
विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक अशोक सिंघल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 'मैं मेक इन इंडिया में विश्वास नहीं करता हूं। हमें पं.दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विकास के मॉडल का अनुसरण करना चाहिए।' सिंघल ने कहा कि हमारे गांव आज भी विकास से वंचित हैं। कोई भी ग्रामीण विकास पर ध्यान नहीं दे रहा है।
थिंक टैंक खड़े करने की जरूरत
सिंघल ने कहा कि हमारे देश को पहले मुसलमान शासकों ने लूटा, फिर अंग्रेजों ने लूटा और आजादी के बाद से देश के ही लोग लूटते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सैकड़ों की तादाद में थिंक टैंक होते हैं, जो सरकार को नीतियां बनाकर देते हैं। हमें ऐसे थिंक टैंक खड़े करने की जरूरत है। हमारे विश्वविद्यालयों में हर विभाग अपने से जुड़ी देश की नीति पर अध्ययन करे और गलत नीतियों में सुधार करवाए।