दिल्ली। विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ. इस दौरान रिकॉर्ड 67.08 फीसदी वोट डाले गए. जितने लोग, उतनी बातें और शायद उतने मुद्दे भी. सरकार चाहे जिसकी भी बने, लेकिन इस सियासी माथापच्ची के बीच EVM के बटन पर शनिवार को 1500 ऐसी अंगुलियों ने भी दस्तक दी, जिनकी आशा है कि उनका नेता उनकी पहचान पर अंगुलियों उठने नहीं देगा. वोट के जरिए पहचान और प्रोफेशन को कानूनी बनाने की यह जद्दोजहद राजधानी के जीबी रोड इलाके की है.
दिल्ली चुनाव में वोट करने वालीं सेक्स वर्कर्स चाहती हैं कि दिल्ली में ऐसी सरकार बने, जो उनके काम को सम्मान दिलवाए और इसे वैध करवाने का मुद्दा उठाए. जीबी रोड इलाके की लगभग 1500 सेक्स वर्कर्स ने बीते दिन उत्साह के साथ वोट डाला. नाम न छापने की शर्त पर एक सेक्स वर्कर ने बताया कि हमें ऐसी स्थिर सरकार चाहिए जो हमारे जीवन में स्थिरता लाए, हमारे प्रोफेशन को वैध करने की पहल करे.
वोट डालने के बाद एक और सेक्स वर्कर मोना ने कहा कि प्रॉस्टिट्यूशन के वैध हो जाने के बाद सरकार से मिलने वाले लाभ हम तक पहुंचने लगेंगे. बताया गया कि 2008 में काफी प्रयास के बाद मतदाता सूची में सेक्स वर्कर्स के नाम जोड़ने का काम गंभीरता से शुरू हुआ था. खास बात यह है कि इनकी अपनी कुछ मांगें हैं, जिन्हें इन्होंने प्रत्याशियों के सामने रखा था. इन मांगों में हेल्थ कार्ड, बच्चों के लिए हॉस्टल वाले स्कूल, जॉब लाइसेंस, मकान, साफ-सफाई है.
हालांकि, सेक्स वर्कर्स की बड़ी तादाद ऐसी भी है जिन्हें अभी तक मतदान का अधिकार नहीं मिल पाया है. इस बाबत इन पर जरूरी पहचान पत्र न होने जैसे कई कारण हैं. जीबी रोड स्थित कोठे मटियामहल और बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में आते हैं. एक महिला ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की 90 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया था. इस बार भी मतदान केंद्र पर गजब की सहभागिता देखने को मिली.