नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव की राजभवन से विदाई लगभग तय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक रविवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच राज्यपाल को लेकर चर्चा हुई और मोदी ने राज्यपाल को रवाना करने का संदेश राजनाथ को दे दिया है, लेकिन शिवराज कतई नहीं चाहते कि राज्यपाल को हटाया जाए। वो लगातार बड़े नेताओं को इस बात के लिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि गृह सचिव गोयल राज्यपाल को फोन कर इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं।
राज्यपाल के साथ दो पूर्व मंत्री भी!
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में सोमवार को कई हाईप्रोफाइल नाम बेपर्दा हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी की ओर से हाईकोर्ट को सौंपी 17 लोगों की सूची में राज्यपाल रामनरेश यादव के साथ दो पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल हैं।
एक वर्तमान मंत्री और कुछ अफसरों के नामों की चर्चा है। इन सब के बीच रविवार को गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने राज्यपाल से मुलाकात की। सूत्रों का दावा है कि राज्यपाल को प्राथमिक तौर पर बता दिया गया है कि उनके खिलाफ एफआईआर संभावित है। हालांकि, गौर ने मुलाकात को सिर्फ सौजन्य भेंट बताया।
मोहलत के पक्ष में शिवराज!
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज राज्यपाल के पैरोकार बन गए हैं। शिवराज उन्हें हर हाल में बचाने पर मादा हैं। दिल्ली दौरे पर आए शिवराज ने राज्यपाल को कुछ और समय राजभवन में बने रहने देने की अपनी इच्छा से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है।
शिवराज की दुविधा
यदि राज्यपाल इस्तीफा देने से मना कर देते हैं तो सत्र के दौरान उन्हें बर्खास्त करना आसान नहीं होगा।
यदि राज्यपाल को हटाया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाने के लिए विपक्ष आक्रामक हो सकता है।
ऐसी स्थिति में शिवराज को लंबे समय तक बचाना केंद्र के लिए आसान नहीं होगा।
सरकार की पहली प्राथमिकता राज्यपाल को इस्तीफे के लिए मनाने की होगी।