उज्जैन। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक करने वाला शासकीय स्कूल का प्राचार्य ही निकला। इंदौर के एक परीक्षा केंद्र का केंद्राध्यक्ष यह प्राचार्य एक पेपर का फोटो निजी स्कूल के संचालक को WhatsApp पर भेजता था। इसके एवज में उसे 50 हजार रुपए मिलते थे।
प्राचार्य ने 10वीं के सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर भेजने के बाद 23 मार्च को हुई 12वीं की परीक्षा में केमेस्ट्री का परचा भी लीक किया था। पूछताछ में उससे अन्य पेपरों के भी लीक करने की जानकारी मिलने की संभावना है।
एएसपी डॉ. असीत यादव ने बताया पेपर फॉरवर्ड करने वालों की कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने बुधवार सुबह इंदौर जिले की सांवेर तहसील स्थित शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतनखेड़ी के प्राचार्य उदय पिता कृष्णराव वाघमारे (52) को स्कीम नंबर-54, इंदौर स्थित उसके निवास से गिरफ्तार किया।
आरोपी प्राचार्य को आईके कॉलेज छावनी में बोर्ड परीक्षा के अंतर्गत केंद्राध्यक्ष बनाया गया है। इंदौर की क्लर्क कॉलोनी निवासी पवन पिता अशोक बाकड़िया से सांठगांठ कर उदय मोबाइल पर पेपर का फोटो खींचकर भेजता था। इसके बदले में पवन उसे प्रत्येक पेपर के हिसाब से 50 हजार रुपए देता था। पवन भी इंदौर के हीरानगर क्षेत्र में एक स्कूल संचालित करता है।
डेढ़ घंटे पहले ही डाल देता था पेपर
एएसपी डॉ. यादव के अनुसार पूछताछ के दौरान उदय ने बताया कि वह सुबह 6.45 से 7 बजे के बीच पवन को व्हाट्सएप पर पेपर का फोटो खींचकर भेजता था। पवन के जरिए अन्य लोगों तक व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर पहुंचाया जाता था।
जांच के बाद हो सकते हैं पेपर निरस्त
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इस मामले पर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह का अपराध सामने आने के बाद संबंधित प्राचार्य को निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने अपने स्तर पर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। जरूरत पड़ी तो लीक हुए पर्चों की परीक्षा निरस्त करेंगे।