पुलिस में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्ली और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बल में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया है। यह आरक्षण कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर स्तर पर सभी नई भर्तियों में लागू होगा। दिल्ली पुलिस में इन रैंक में फिलहाल 9.5 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं।

पुलिस को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में यह अहम कदम साबित हो सकता है। केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य सरकारों पर इसे लागू करने के लिए दबाव बनेगा। कैबिनेट के इस फैसले की अधिसूचना जारी होने के बाद सभी नई भर्तियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू हो जाएगा। 16 दिसंबर गैंगरेप कांड के बाद रेप केस की तहकीकात लेडी सब इंस्पेक्टर को ही सौंपी जाती है।

कई सब डिविजनों के तीन-तीन थानों में एक ही लेडी एसआई है। इस वजह से तीन थानों में दर्ज रेप केसों की जांच एक लेडी पुलिसकर्मी कर रही है। दरअसल 2013 के निर्भया कांड के बाद से पुलिस को महिलाओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। जस्टिस वर्मा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दुष्कर्म की शिकायत की जांच महिला पुलिस कर्मी द्वारा कराने की सिफारिश की थी और गृह मंत्रलय इसके अनुसार सीआरपीसी और आइपीसी में जरूरी संशोधन कर चुका है।

लेकिन, महिला पुलिस कर्मियों की कमी के कारण इसे पूरी तरह लागू करना संभव नहीं हो पा रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।

अब महिला एसआई की ज्यादा भर्ती होने से रेप केसों की जांच तेजी से हो सकेगी। अभी लेडी पुलिसकर्मी कम होने के कारण छेड़छाड़, दहेज उत्पीडन और नाबालिग लडक़ी के अपहरण जैसे मामलों की जांच पुरुष पुलिस वाले भी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से इन मामलों की जांच में तेजी आएगी। और पीडिता को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!