पाकिस्तान की समुद्री सीमाओं में 50,000 वर्ग किमी का इजाफा

इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की भौगोलिक महाद्वीपीय पट्टियों (शेल्फ) की सीमाओं में विस्तार के उसके दावे का समर्थन किया है, जिससे उसकी सीमा में 50,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल जुड जाएगा और उसे समुद्री संसाधनों का दोहन करने का अधिकार भी मिल जाएगा. यह जानकारी आज पाकिस्तान सरकार ने दी।

यूएन कमीशन ऑन दि लिमिट्स ऑफ दि कॉन्टिनेंटल शेल्फ (सीएलसीएस) में सीमा विस्तार का यह फैसला किया गया. यूएन कन्वेंशन ऑन दि लॉ ऑफ द सी (यूएनक्लॉस) के तहत महाद्वीपीय पट्टियों (कॉन्टिनेंटल शेल्फ) की कानूनी परिभाषा है, समुद्रतल का वह फैलाव जो किसी खास देश के किनारे से लगा हुआ हो.


पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि यह संतोष की बात है कि उसकी महाद्वीपीय पट्टियों की बाहरी सीमाओं के विस्तार के उसके दावे को एकमत से मंजूर कर लिया गया है. सरकार ने कहा, इस अहम घटनाक्रम के परिणामस्वरुप पाकिस्तान को करीब 50,000 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र भी प्रदान कर दिया गया है.


अब यूएनक्लॉस के तहत इस क्षेत्र में समुद्र तल पर और उसके भीतर संसाधनों के दोहन एवं खोज का विशेष अधिकार पाकिस्तान को मिल जाएगा. विदेश कार्यालय ने कहा, यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लोगों के सतत सामाजिक-आर्थिक उत्थान के मकसद से की जा रही हमारी कोशिशों को और मजबूती प्रदान करेगा. पाकिस्तान ने 2009 में सीएलसीएस के समक्ष यह दावा किया था.

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