ABVP और POLICE के बीच संघर्ष, 75 लोग घायल

पटना। बिहार में शैक्षिक अराजकता के खिलाफ सड़क पर उतरे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ हुई पुलिस की झड़प में 75 लोग घायल हो गए। भड़के कार्यकर्ताओं ने पथराव किया तो पुलिस ने कई राउंड हवाई फायर किए। घायलों में मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित करीब 40 पुलिसकर्मियों के अलावा एबीवीपी कार्यकर्ता व अन्य लोग भी शामिल हैं। बवाल में कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए।

एबीवीपी ने लाठीचार्ज के विरोध में 30 मार्च को बंद का एलान किया है। भाजपा विधायकों ने भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं का साथ दिया और बाद में सदन में भी घटना को लेकर हंगामा किया। प्रदेश में शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और विधानसभा की ओर बढ़े। दोपहर करीब डेढ़ बजे जुलूस आर ब्लॉक पहुंचा तो पुलिस ने गेट बंद करा दिए।

प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार की। भड़के कार्यकताओं ने पथराव शुरू कर दिया तो पुलिस ने भी जमकर लाठियां भांजी। लाठीचार्ज शुरू होते ही प्रदर्शनकारियों ने आर ब्लॉक का गेट तोड़ दिया और पुलिस बूथ को क्षतिग्रस्त कर दुकानों व वाहनों पर पथराव किया। इसमें दर्जन भर वाहनों के शीशे टूट गए। उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई दरोगा व सिपाहियों की वर्दी फाड़ दी और उन्हें मारा-पीटा।

इसमें 40 से अधिक पुलिसकर्मी व दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिसमें नौ पुलिसकर्मियों के सिर फट गए। मौके पर पहुंचे एसएसपी जितेंद्र राणा ने खुद कमान संभाली और हवाई फायरिंग व आंसू गैस के गोले छोड़े। पथराव के चपेट में आकर वह भी घायल हुए। लगभग दो घंटे बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाया। घटना को लेकर दो दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।

घटना के विरोध में एबीवीपी ने 30 मार्च को प्रदेश बंद का आह्वान किया। इससे पहले 27 मार्च को संगठन के जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका जाएगा तो 29 मार्च को मशाल जुलूस निकाला जाएगा। परिषद के नेता पप्पू वर्मा ने बताया कि 13 कार्यकर्ताओं को गंभीर हालत में आइसीयू में भर्ती कराया है।

लाठीचार्ज के खिलाफ विधानमंडल में हंगामा
एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज व हवाई फायरिंग के खिलाफ विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों के हंगामे से विधान परिषद की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद नहीं चल सकी।

विधानसभा में भाजपा सदस्यों ने रिपोर्टर टेबल पलट दी और लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद भाजपा सदस्य वेल में आ गए और सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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