अब आप ही बताएं, कोई प्लेटफॉर्म टिकट क्यों लेगा ?

Bhopal Samachar
रायपुर। रेलवे का प्लेटफॉर्म टिकट लोकल और पैसेंजर ट्रेनों के टिकट से महंगा होने जा रहा है। रेलवे ने 1 अप्रैल से प्लेटफॉर्म टिकट का दाम 10 रुपए करने का फैसला किया है। इतने पैसे में पैसेंजर ट्रेन से दुर्ग तक यात्रा की जा सकती है। इससे आधी कीमत याने पांच रुपए में सरस्वती नगर, सरोना, डब्ल्यूआरएस और उरकुरा सहित आसपास के अन्य स्टेशनों की यात्रा की जा सकती है। रेल अफसरों के अनुसार रायपुर में वैसे भी प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री कम होती है, रेट बढ़ने से यह और घट जाएगी।

राजधानी के मुख्य रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन करीब 27000 हजार से अधिक यात्री आते हैं। इनमें से 10 हजार से अधिक लंबी दूरी के रहते हैं, बाकी लोकल और पैसेंजर यात्री। इसकी तुलना में यहां औसतन 21 से 22 सौ प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री होती है। सीजन (भीड़) में यह संख्या बढ़कर 2700 से तीन हजार तक भी पहुंच जाती है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा लोग बिना टिकट लिए ही प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं।

रेल अफसरों के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों के यहां रुकने के दौरान प्लेटफॉर्म पर होने वाली भीड़ के हिसाब से प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री आधी भी नहीं होती। स्टेशन प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि करीब 10 हजार लोग यहां से लंबी दूरी की यात्रा शुरू करते हैं या यहां उतरते हैं। इतने यात्रियों को छोड़ने- लेने आने वालों की संख्या इससे आधी ही याने पांच हजार मान ली जाए तो भी प्लेटफॉर्म टिकट आधे ही लोग खरीदते हैं। रेलवे के वाणिज्यिक विभाग से जुड़े इस आला अफसर ने कहा कि ऐसे में बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर आने वालों के खिलाफ यदि सख्ती नहीं की गई तो प्लेटफॉर्म से भीड़ कम नहीं हो सकती। प्लेटफॉर्म टिकट का रेट इसीलिए बढ़ाया जा रहा है, ताकि प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम की जा सके।

रेलवे की कमाई बढ़ेगीः
रेल अफसरों के अनुसार प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने से रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी। रायपुर स्टेशन में अभी प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री से रोज करीब 10 से 11 हजार रुपए की कमाई होती है। रेट बढ़ने से यह बढ़कर 20 से 22 हजार रुपए पहुंच जाएगी।

10 से भी महंगा हो सकता हैः
प्लेटफॉर्म टिकट का दम 10 रुपए से भी ज्यादा हो सकता है। रेलवे बोर्ड ने टिकट का दाम दोगुना करने के साथ ही सभी डीआरएम को यह अधिकार दिया है कि वे सीजन (ग्रीष्म और शीतकालीन छुट्टी, होली, दीवाली व अन्य त्योहार) में भीड़ को देखते हुए प्लेटफॉर्म टिकट का दाम और बढ़ा सकते हैं।

प्लेटफॉर्म टिकट से ज्यादा फायदेमंद लोकल टिकटः
प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने से घबराए कई लोगों ने लोकल ट्रेनों के टिकट के रूप में इसका तोड़ खोज लिया है। ऐसे ही एक व्यक्ति ने बताया कि प्लेटफॉर्म टिकट लेने से पैसेंजर ट्रेन का टिकट लेना फायदेमंद रहता है। प्लेटफॉर्म टिकट महज दो घंटे के लिए वैध रहता है, जबकि पैसेंजर ट्रेन का टिकट लेकर कितनी भी देर प्लेटफॉर्म पर रुका जा सकता है और यह अब प्लेटफॉर्म टिकट से सस्ता भी पड़ेगा।

प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ाने का फैसला रेलवे बोर्ड का है। वहां से जो भी आदेश मिलता है, हम उसका पालन करते हैं।
रतन बसाक, प्रवक्ता रायपुर रेल मंडल


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