दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने हरियाणा दौरे के दौरान राजनीतिक संदेश भी दे गई हैं। राज्य में कांग्रेस खेमों में बंटी हुई है। किसानों के लिए पार्टी नेताओं को मिलकर संघर्ष करने के निर्देश देकर सोनिया ने अलग-अलग राहों पर चल रहे कांग्रेस दिग्गजों को एकजुट होने की नसीहत दी है। सोनिया द्वारा हुड्डा की प्रशंसा किए जाने और सांसद दीपेंद्र की पीठ थपथपाए जाने से राजनीतिक गलियारों में नयी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
सबसे पहले भिवानी के बाढड़ा हलके के गांवों में पहुंची सोनिया गांधी ने किसानों से सीधा संवाद करने के बाद कहा कि हुड्डा सरकार में किसान खुश थे। भूतपूर्व सीएम चौ. बंसीलाल के गढ़ कहे जाने वाले भिवानी जिले में सोनिया द्वारा हुड्डा की नीतियों की प्रशंसा करने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी इसी जिले के तोशाम हलके से विधायक हैं। किरण के साथ हुड्डा तो सोनिया के साथ थे, लेकिन पार्टी के बाकी विधायक भिवानी में नज़र नहीं आए, लेकिन बाद में जब वे रोहतक संसदीय क्षेत्र में पहुंची, जिसे पूर्व हुड्डा का गढ़ माना जाता है तो वहां पार्टी के 15 में से 12 विधायक मौजूद थे।
सोनिया ने झज्जर व रेवाड़ी जिले के अहीरवाल से सटे गांवों का मुआयना किया। इस इलाके में सोनिया के दौरे के नेतृत्व की कमान पार्टी ने सांसद दीपेंद्र हुड्डा को सौंप रखी थी। यहीं पर सोनिया ने बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के मुआवजे व भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के मुद्दे पर संसद में दीपेंद्र द्वारा की गई पहल के लिए उनकी पीठ थपथपाई। याद रहे कि दीपेंद्र लोकसभा में नियम-193 के तहत किसानों का यह मुद्दा उठाया था और कांग्रेस के दबाव के बाद मोदी सरकार इस पर चर्चा के लिए मजबूर हुई थी।
सोनिया का आखिरी दौरा करनाल जिले के बड़ा गांव व डबकौली कलां में तय था। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शुरूआत में जब सोनिया का हरियाणा का दौरा तय हुआ था तो उसमें तीन जिले शामिल थे। करनाल उनमें नहीं था। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसमें पहल की कि उत्तरी हरियाणा की उपेक्षा करना ठीक नहीं रहेगा। इसके बाद करनाल के गांवों में भी सोनिया का दौरा तय हुआ। याद रहे कि रणदीप का खुद का निर्वाचन क्षेत्र कैथल भी उत्तरी हरियाणा में ही आता है।