दमोह। शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय स्कूलों को निजी हाथों में सौपने की कबायद के तहत प्राईवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर सत्र 2016-17 से जो कार्यवाही की जाने की मंशा बन रही है। इस को लेकर प्रदेश के अध्यापक संविदा शिक्षक संघ ने इसका कड़ा विरोध किया है। वास्तव में शासन की यह मंशा शिक्षा का बाजारीकरण करने एवं धन्ना सेठों की जेब भरने की है इसे प्रदेश के शिक्षक एवं अध्यापक कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
संघ के प्रांताध्याक्ष मनोहर प्रसाद दुबे ने कहा कि वास्तव में ऐसा कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुह मोड़ना चाहती है जबकि शासन के पास पर्याप्त संसाधन होने के बाबजूद भी शिक्षा का निजीकरण करना शासन की नियति पर प्रश्नचिंन्ह लगाता है। इसको लेकर संघ के प्रांताध्याक्ष श्री दुबे ने कहा कि वर्ष 2016-17 से अगर इसकी शुरूआत किसी भी जिले में हुई तो ऐसी स्थिति में पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन एवं जनआन्दोलन की रूप में इसका पुरजोर विरोध किया जावेगा।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता विपिन चौबे, प्रांतीय उपाध्यक्ष अभय भट्ट, जिला अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवनीत स्वामी, नरेन्द्र राय, राममिलन उपाध्याय, आशीष भट्ट, उमेश पाठक, किशोर दुबे, धर्मेन्द्र यादव,मनीष भारद्वाज, ने शासन से उक्त निर्देशों पर अमल न करने की अपील की है।
नवनीत स्वामी
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