जमीन पर गिरते ही तेज धमाका करेगा नक्सलियों का तीर

रायपुर। वो रामायण का युग याद है आपको, राम और रावण के बीच हुए युद्ध में कुछ चुनिंदा योद्धा थे जिनके बाण तेज धमाके के साथ फूटते थे। कुछ सालों पहले तक लगता था कि यह कोरी कल्पना हो सकती है, तीरों से विस्फोट नहीं होता, लेकिन अब नक्सलियों ने भी ऐसे तीर बना लिए हैं जो गिरते ही बम की तरह धमाका करते हैं।

पुलिस को नक्सलियों के कैंप से एक ऐसा बम मिला है, जिसे तीर में लगाकर फायर किया जाता है। यह बम एसटीएफ और सीआरपीएफ की ताजा कार्रवाई में सुकमा के पास एक नक्सली कैंप में मिला।

चार मार्च 2015 को सर्चिंग के दौरान बड़े चेन्नी थानाक्षेत्र में इस तरह के 19 बम मिले हैं। बताया जा रहा है कि इसे पुलिस पार्टी पर 20 से 30 मीटर की दूरी से हमला करने के लिए नक्सली तैयार कर रहे थे। छत्तीसगढ़ में पहली बार इस तरह का बम बरामद हुआ है।

हालांकि इसकी विस्फोटक क्षमता काफी कम बताई जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे एक व्यक्ति की मौत या फिर दो-तीन व्यक्तियों को घायल किया जा सकता है। एडीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया कि यह बम एल्यूमिनियम का बना हुआ है। इसे एल्यूमिनियम को गलाकर विशेष आकार दिया गया है।

बम के एक किनारे पर तीर फंसाने की जगह बनाई गई है। दूसरे किनारे पर एक पिन लगाई गई है। जब बम को फायर करना होता है कि नक्सली उसे तीर से फंसाकर पिन को निकाल देते हैं। इसके बाद बम को धनुष के सहारे टारगेट पर फेंक दिया जाता है। जहां यह गिरता है, वहां आसपास खड़े लोगों को घायल कर देता है।

राकेट लांचर का कर चुके हैं इस्तेमाल
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार नक्सली इससे पहले पुलिस पर राकेट लांचर से हमला कर चुके हैं। वर्ष 2003 में नारायणपुर के घोड़ई में नक्सलियों ने राकेट लांचर से हमला किया था। हाल ही में नक्सलियों का एक वीडियो भी जारी हुआ था, जिसमें हेलिकॉप्टर पर हमले का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। पुलिस के आला अधिकारियों के अनुसार सुकमा के नक्सली कैंप से और भी नए किस्म के हथियार बरामद हुए हैं। जल्द ही इनका भी परीक्षण पूरा हो जाएगा।

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