रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य आईएएस अधिकारियों के नाम पर उनके मातहातों को ठगने वाला जेल का बंदी निकला। आरोपी बिहार के मुजफ्फरपुर जेल में बंद है। जेल में ही रहकर वह ठगी का कारोबार चला रहा था और जेल प्रबंधन को इसकी भनक भी नहीं लगी। आरोपी को रायपुर लाने की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू कर दी है।
आईजी जीपी सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि आरोपी सीढि़याघाट, गया, बिहार निवासी रंजन कुमार मिश्रा ही राज्य के कुछ अधिकारियों को कॉल करके उनके उच्चअधिकारियों के नाम पर मोबाइल रिचार्ज करवाने और अपने खाते में पैसा डालने को कहता था। मामले की जांच के दौरान उसके मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में बंद होने का पता चला। उसके एक अन्य साथी की तलाश की जारी है।
एेसे खुला राज
आरोपी ने बैजेन्द्र कुमार के नाम पर सीएसआईडीसी के एमडी आलोक त्रिवेदी और जांजगीर जिला उद्योग के अधिकारी को कॉल करके अपने खाते में एक लाख रुपए जमा कराने को कहा। इसकी जानकारी एसीएस कुमार को हुई। कुमार ने थाने में शिकायत की। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की।
मोबाइल नंबर और बैंक खातों की पड़ताल के बाद मोबाइल का लोकेशन मुजफ्फरपुर जेल का मिला। बार-बार उसी स्थान का लोकेशन मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने जेल अधिकारियों से संपर्क किया और जांच कराई। जांच के दौरान रंजन के पास स्मार्ट फोन मिला। उसके एक अन्य साथी की भी जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक बैंक खाते से रुपए के आहरण की जानकारी उसी से मिलेगी।
इन अधिकारियों को बनाया निशाना
आरोपी फरवरी-मार्च के बीच राज्य के तीन आईएएस अधिकारियों अपर मुख्य सचिव एन बैजेन्द्र कुमार, भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग के संचालक अम्बलगम पी और वन व नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव आरपी मंडल के नाम पर उनके मातहातों को कॉल कर उनसे रुपए की मांग की थी।
आरोपी ने मंडल के अधीनस्थों से पांच-पांच हजार रुपए का मोबाइल रिचार्ज कराने और अम्बलगम के अधीनस्थों से दो-दो लाख रुपए बैंक में जमा करने के लिए कहा था। राखी थाना में मामले की शिकायत दर्ज कराई गई थी, जबकि एसीएस कुमार ने देवेंद्र नगर थाने में दर्ज कराई है।